…….उन शहीदों को मेरा सलाम desh bhakti poetry in hindi

……उन शहीदों को मेरा सलाम # desh bhakti poetry in hindi
” कितने भी तल्लीन रहो
कितने भी मगरूर रहो
आंसू आंखों से निकले या ना निकले
अंतर्मन में बहा लेना लेना
किया था वादा जो शहादत पर
उसको तुम निभा देना
देश आज भी उन्हें याद रखता है
उनकी शौर्य की बात करता है
उनकी शहादत के संस्मरण को
एक बलिदानी गीत बना देना
देश प्रेम की अमर गाथा को
दिल से जुबाँ तक ला देना
प्रेम उनका अद्वितीय था
उनकी रूह को महसूस करा देना
ईश्वर जाने उनकी मेहबूब
आज कैसे रहती होगी
तश्वीरो से आँशु संग
ऱो ऱो कर बाते किया करती होगी
तुम तो लिपटोगे आज दुप्पटा ए सनम में
सोचो उनकी हालत क्या होगी
जिनका प्यार लिपट गया तिन रंगों के कफ़न में
उस दिल का मर्म
स्वयं को महसूस करा देना
एक गुलाब गर प्यार को देना
दूसरा उनके मेहबूब ए वतन को चढ़ा देना
पुलवामा के शहीदों को
तुम यूं ही ना भुला देना
एक गुलाब गर प्यार को देना
तो दूसरा मेहबूब ए वतन को चढ़ा देना “
– विशाल चौबे अज्ञात
क्या लिखा है मित्र विशाल तुमने जब भी कुछ लिखते हो तो पढ़ने वाले सब कुछ देर के लिए तो खुद को तुम्हरी कविता का जो सबसे बड़ा नायक होता है वही महसूस होने लगता है ।हमेशा बस ऐसे ही आगे बढ़ते रहो।
जय हिन्द ||??
धन्यवाद सर