ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्यों कहा जाता है महाराज या श्रीमंत
इस पोस्ट में हमने आपको ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी देने की कोशिश की है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्यों कहा जाता है “महाराज” या “श्रीमंत”
ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 (आयु 49) मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। अगर अब बात की जाये मध्य प्रदेश की राजनीति में राघोगढ़ के दिग्विजय सिंह और ग्वालियर के माधव राज सिंधिया की कहानियां हमेशा लोकप्रिय रही हैं ।माधवराज के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ और भाजपा का दामन थामने के बाद इन किस्सों में इजाफा ही हुआ है वर्ष 1985 में मध्य प्रदेश सीएम के लिए माधवराज का नाम आगे आया था लेकिन राजीव गांधी के करीबी होने के बावजूद वे सीएम नहीं बन सके। साल 1993 में सीएम पद के लिए दिग्विजय सिंह ने बाजी मारी जिसे सिंधिया घराने के लिए ज्यादा नुकसानदायक समझा गया। प्रदेश की राजनीति में राघोगढ़ और सिंधिया घराने की होड़ 200 साल पहले 1816 में शुरू हुई जब सिंधिया वंश की दौलत राव के राघोगढ़ के राजा जयसिंह को युद्ध में हराकर राघव गढ़ को अपने अधीन कर लिया था।

40000 करोड रुपए की संपत्ति के मालिक हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
सन् 1874 में बनकर तैयार हुए इस राज महल का नाम जय विलास पैलेस है इस भवन की कीमत करीब 200 मिलियन डॉलर बताई जाती है सिंधिया का ग्वालियर का जय विलास पैलेस 1240771 वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ हैl इस महल का वैभव पूरे भारत में मशहूर है इसकी दीवारों पर सोने से पेंट किया गया है इसकी खासियत ऐसी है कि आप भी दांतों तले उंगली चबा जाएं। इस राजघराने में भोजन परोसने के लिए एक चांदी से बनी ट्रेन चलती है। 35100 किलो चांदी के झूमर है। जयविलास पैलेस के अलावा दिल्ली में 32 एकड़ में फैली सिंधिया विला और ग्वालियर हाउस के अलावा मुंबई में वसुंधरा बिल्डिंग पुणे के पंच विलास पैलेस शिवपुरी का कैसल और माधव पैलेस उज्जैन का कालिया देव पैलेस सहित कई शहरों में मंदिर भी हैं।करीब 40000 करोड रुपए की संपत्ति के लिए सिंधिया राजवंश के वर्तमान प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी बूआओं के बीच जमकर खींचातानी चल रही है मामला कोर्ट में है इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया की बेटी महा आर्यमन ने भी अपने को बारिश बताते हुए कोर्ट में अर्जी दी लेकिन वह खारिज हो गई ।सबसे ज्यादा विवाद ग्वालियर के जयविलास पैलेस को लेकर है इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध में उनकी बुआ दावा करती हैं ।इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोर्ट में तर्क दिया है कि राजवंश में राजा की गद्दी का कानून चलता है और वे इसके इकलौते वारिस हैं इसलिए पूरी संपत्ति पर उनका ही अधिकार है। और इन्ही सब कारणों की वजह से इन्हे महाराज या श्रीमंत कहा जाता है।
Writer: Ankita Singh
क्या सिंधिया बनेंगें” किंग मेकर”? या बीजेपी फिर महाराष्ट्र कि तरह खाएगी “चक्कर”
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