तो इन वजहों से नहीं चल पा रहे जन औषधि केंद्र 
जौनपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेश पर जनता को कम कीमत पर अच्छे किस्म की दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र देश के हर जिले में स्थापित किए गए हैं। ऐसे केंद्रों पर उच्च गुणवत्ता की महंगी दवाएं मामूली कीमत पर उपलब्ध होती है।
आइए हम बताते हैं कि आखिर क्यूं नहीं चल पा रहे ऐसे जन औषधि केंद्र ।
इसको लेकर हमारे रिपोर्टर ने जौनपुर के जिला मुख्य चिकित्सालय में मुख्य चिकित्साधिकारी एके शर्मा से संपर्क किया। डॉक्टर ने बताया की इन केंद्रों के संचालक भारी कीमत पर सस्ती दवाओं को बेचते हैं जिसके कारण मरीज इन केंद्रों पर नहीं जाते हैं ।डॉक्टर की बातों से साफ लग रहा था कि महाशय को कोई भारी दिक्कत है। हमने आगे पूछा तो डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने कई बार केंद्र संचालक से कहा भी लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।
बातचीत के दौरान डॉक्टर ने बताया कि इसको लेकर उन्होंने शिकायत भी की है ।
अभी ये पूरी बात नहीं हुई ,इसके बाद हमने सीधा सवाल जन औषधि केंद्र के संचालक से कर दिया । संचालक ने बिना नाम लिए कहा कि अधिकतर डॉक्टर बाहर की दवाओं को ही पर्चियों पर लिखते हैं जिससे कोई भी मरीज हमारे यहां से दवाएं लेता ही नहीं ।एक सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा कि हमारे यहां दवाएं पड़ी पड़ी एक्सपायर हो जाती है और मामूली दवाएं जो व्यक्ति जानकार होते हैं वही ले जाते हैं।
दवाओ पर दो कमीशन ! तभी चलेगा जन औषधि केंद्र मिशन
वहीं खड़े एक व्यक्ति ने कहा कि असलियत ये है कि डॉक्टर को यहां से कोई भी कमीसन नहीं मिलता जिस कारण वो बाहर के मेडिकल स्टोरों से संपर्क बना कर मरीजों को भेजते हैं।हालात ये बने हैं कि मरीज उच्च कीमत पर दवाएं लेकर जाते हैं जबकि सरकारी और कम कीमत पर अच्छे किस्म की दवाओं को पूछते तक नहीं ।हमने कई लोगों से भी पूछा तकरीबन सभी ने डॉक्टरों को ही गलत बताया और कहा कि ये लोग ही हम परिचय के मेडिकल स्टोरों पर भेजते हैं।
ऐसे में सवाल यही उठता है कि कब तक ऐसे जन औषधि केंद्रों को डॉक्टरों कि चपेट मे रहना पड़ेगा ।
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