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कोरोना वायरस के महामारी घोषित होने का मतलब ?

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कोरोना वायरस के महामारी घोषित होने का मतलब

जब किसी रोग का प्रकोप कुछ समय पहले की अपेक्षा बहुत अधिक हो जाए और यह किसी एक स्थान पर सीमित हो तो उसे महामारी या ‘जानापदिक रोग’ (epidemic) कहते हैं। किन्तु यदि यह दूसरे देशों और दूसरे महाद्वीपों में भी फ़ैल जाए तो उसे ‘सार्वदेशिक रोग’ (pandemic) कहते हैं। कोरोना वायरस के महामारी घोषित होने का मतलब

कोरोना वायरस को WHO और भारत के कई राज्यों ने महामारी घोषित कर दिया है।इसका प्रकोप इतना ज्यादा हो जाएगा शायद इसका अंदाजा WHO को भी नहीं था इसलिए इसे पहले एपिडेमिक माना गया था लेकिन चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ यह वायरस पहले तो पूरे चीन में और अब पूरी दुनिया में फ़ैल गया है। इस लिए अब इसे pandemic यानी ‘सार्वदेशिक रोग’ की संज्ञा देदी गई है।

क्या कहता है Epidemic Diseases Act, 1897 ?

वैसे तो हर देश के पास महामारी से निपटने के लिए अपने अलग-अलग कानून हैं ,वहीं भारत की बात करें तो भारत में भी Epidemic Diseases Act, 1897 है जिसे खतरनाक महामारी से निपटने और उसकी रोकथाम के लिए बनाया गया था। इस एक्ट की खास बातें –

सार्वजनिक सूचना के जरिये महामारी के प्रसार की रोकथाम के उपाय होंगे

सरकार को पता लगे कि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह महामारी से ग्रस्त है तो उन्हें किसी अस्पताल या अस्थायी आवास में रखने का अधिकार होगा।

महामारी एक्ट 1897 के सेक्शन 3 में जुर्माने का प्रावधान भी है जिसमें सरकारी आदेश नहीं मानना अपराध होगा और आईपीसी की धारा 188 के तहत सजा भी मिल सकती है।

महामारी एक्ट में सरकारी अधिकारियों को कानूनी सुरक्षा का भी प्रावधान है। अगर कानून का पालन कराते समय कोई अनहोनी होती है तो सरकारी अधिकारी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

कैबिनेट सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस कानून के खंड-दो को लागू करने का निर्देश दिया है ताकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों के परामर्शों को लागू किया जा सके।

भारत में महामारी एक्ट कब-कब लागू हुआ

साल 2009 में पुणे में जब स्वाइन फ्लू फैला था तब इस एक्ट के सेक्शन 2 को लागू किया गया था।2015 में चंडीगढ़ में मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए इस एक्ट को लगाया गया था। साल 2018 में गुजरात के वडोदरा जिले में 32 लोगों में कोलेरा के लक्षण पाये गए थे तब यह एक्ट लागू किया गया था। 2020 में कर्नाटक ने सबसे पहले कोरोना वायरस से निपटने के लिए महामारी अधिनियम को लागू किया।

इतिहास में कब कब आई महामारी

इटली में समुद्री जहाज़ों पर मौजूद चूहों से ब्लैक डेथ नाम की एक महामारी शुरू हुई। यह बीमारी यूरोप एशिया और अफ्रीका में भी फैल गई थी और इससे करीब 20 करोड़ लोगों की मौत की हुए थी। यह दुनिया की अब तक की सबसे विनाशकारी महामारी थी। इसके बाद हैज़ा महामारी ने भी कहर ढाया।

यह पहली ऐसी महामारी थी जोकि भारत से शुरू हुई थी।इस बीमारी से दुनिया भर में 10 लाख लोगों के मारे जाने का अनुमान है।भारत में प्लेग नामक महामारी भी कई रूपों में फैली थी जिसमें करोड़ों लोगों के मारे गए थे। इसके बाद 1918 में यूरोप से स्पेनिश फ्लू नमक महामारी शुरू हुए। इसने भी 5 से 10 करोड़ लोगों की जान ली थी। एचआईवी एड्स को भी महामारी माना गया और पूरी दुनिया अब भी इससे लड़ रही है।

साल 2009 मे WHO ने स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया गया था। अनुमान है कि स्वाइन फ्लू की वजह से पूरी दुनिया में कई लाख लोग मारे गए थे। जहां तक कोरोना वायरस या कोविड 19 का प्रश्न है तो ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में अब तक लगभग एक लाख 30 हजार मामले सामने आए हैं। ……. Shubhendra dhar dwivedi

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