क्या निर्भया हत्याकाण्ड की फिर से खुलेगी केस ?
क्या निर्भया हत्याकाण्ड की फिर से खुलेगी केस ?
निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च 2020 को फाँसी दे दी गयी ,इस फांसी को टालने के लिए दोषियों के वकील एपी सिंह की सारी कोशिश नाक़ाम हुई।
हर स्तर पर उन्होने दोषियों को बचाने के लिए केस लड़ा, ना जाने कितने आरोप भी लगाये फिर भी बिफल रहे, बस हार मिली और निर्भया को न्याय।
आपको बता दे कि एपी सिंह के केस हारने के बाद जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया कि आप केस हारने के बाद क्या कहना चाहेंगे !
तो इस बात पर उन्होने कहा कि हम अभी भी जीते है हारे वो है जो आँख पर पट्टी लगाकर कर फ़ैसला करते है , इस केस में आँखो पर पट्टी लगाकर फैसला हो रहा था।
एक तरफ जहाँ केस पर रोक लगाने पर सुनवाई हो रहा था सुप्रीम कोर्ट में और वहाँ दूसरी तरफ पटियाला कोर्ट में डेथ वारेंट जारी हो रहा था।
एप्पलीकेशन देने के बाद भी कोई जानकारी नही दी गयी, यहाँ पर बैठे न्यायकर्ताओं को राज्य सभा में जानें की जल्दी थी।
मेरा केस कमजोर नहीं था , मीडिया मजबूत थी , सत्ता मजबूत था , सरकारें मजबूत थी, राजनैतिक एजेंडा मजबूत था।
फिर उन्होने सत्ता व न्यायालय पर आरोप लगाते हुए कहा कि नैना साहू कांड,निधारी कांड जैसी केसों में सत्ता से जुड़े लोग थे वहाँ इंसाफ नहीं देखा गया ,यहाँ ग़रीब मजदूर थे ,कितनो को इंसाफ मिला ,मीडिया सिर्फ औपचारिकता करती है।
फाँसी के बाद गैंगरेप रुक नहीं सकता हैं रेप रुके तभी फाँसी देनी चाहिए इसके लिए सामाजिक ढांचे को समझना होगा फाँसी के बाद भी इस केस का पुनः याचिका डालूंगा।
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