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योगी की पुलिस का चला चाबुक तो AMU की छात्राओं का धरा रह गया CAA-NRC धरने का प्लान
Radha Singh

पूरा देश कोरोना महासारी से जंग लग रहा है. देश में कोरोना के आकड़े बढ़ते जा रहे हैं। सरकार की ओर से लगातार अपील पर अपील की जा रही है कि हर कोई सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें जो सरकार ने गाइडलाइन जारी की हैं उसे फोलो करें लेकिन मानवता के दुश्मन बन चुके कुछ जाहिल खुद की जान को तो खतरे में डाल ही रहें हैं साथ ही दूसरों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते आकड़ों के बीच अलीगढ़ में एक बार फिर से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन और आंदोलन शुरू करने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई। जिसके खुलासे ने प्रशासन को भी सख्ते में डाल दिया है. जी हां शहर के शाहजामाल पार्क पर लॉकडाउन से पहले सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना-प्रदर्शन शुरू करने वाली एएमयू की तीन छात्राओं ने 15 अगस्त के बाद फिर से धरने पर बैठने का ऐलान किया। चौंकाने वाली बात ये है कि जिला प्रशासन को इस धरना-प्रदर्शन की भनक तक भी नहीं हैं। मगर मामले की जानकारी होने पर हिंदूवादी संगठनों ने धरना देने वालों के खिलाफ विरोध तेज कर दिया है।
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हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों ने साफ कहा कि फिर से CAA और NRC का धरना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अखंड भारत हिंदू सेना के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा है कि वो किसी कीमत पर धरना नहीं होने देंगे। साथ ही उन्होंने CAA और NRC के समर्थन में केद्र और राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की बात कही है।

तो वहीं बीजेपी की पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने कहा कि ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में एएमयू वीसी से कहा कि वो छात्राओं को समझाएं। AMU को शिक्षा का मंदिर रहने दें। इसे राजनीति का अखाड़ा न बनाएं। मगर जब ये खबर खुफिया तंत्र और प्रशासन तक पहुंची और इन युवतियों की जांच पड़ताल शुरू हुई तो देर रात युवतियों ने डरते हुए इस ऐलान की बात को खारिज कर दिया। साथ ही कहा वो कोरोना काल में प्रशासन और सरकार के साथ हैं। किसी तरह का धरना प्रदर्शन प्रस्तावित नहीं है। खैर आगे जो भी हो, मगर फिलहाल पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
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तो वहीं एसएसपी मुनिराज ने कहा है कि कोरोना काल में किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. अगर, कोई धरना प्रदर्शन करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दरअसल तीन छात्राओं ने कुछ मीडियाकर्मियों से इंटरव्यू में ये ऐलान किया कि शाहजमाल में एक बार फिर से 15 अगस्त से धरना शुरू किया जाएगा। वहां टेंट आदि के इंतजाम किए जाएंगे। देर रात ये इंटरव्यू जैसे ही वायरल हुआ तो खुफिया तंत्र और पुलिस प्रशासनिक मशीनरी हरकत में आ गई और कानूनी डंडे से बचने के लिए इन युवतियों ने धरना लगाने से इंकार कर दिया. क्यों कि इन्हें अच्छे से पता है कि सीएए की आड़ में उपद्रव वालों का योगी सरकार ने कैसा हाल किया था।
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दरअसल अलीगढ़ शहर के शाहजमाल पार्क पर तीन युवतियों ने 29 जनवरी से CAA और NRC के विरोध में धरना-प्रदर्शन शुरू किया था। कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के बाद 24 मार्च को प्रशासन ने ये प्रदर्शन ख़त्म करा दिया था। अब जब अनलॉक प्रक्रिया शुरू हो गई है तो अलीगढ़ में एक बार फिर से CAA और NRC के विरोध में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने का प्लान शुरू हो गया। जो प्रशासन की सर्तकता के चलते फेल हो गया।
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बता दें कि इससे पहले अलीगढ़ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा ने कहा था कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लगातार सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू करने का निमंत्रण मिल रहा है। इसी सिलसिले में अलीगढ़ आए हैं. प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर बातचीत की गई है। 15 अगस्त के बाद इसे शुरू किया जा सकता है। लेकिन जैसे ही योगी सरकार ने कोरोनाकाल में इन लोगों की इस नापाक हरकत पर एक्शन लिया तो इनकी हेकड़ी निकल गई है। और अब ये धरना शुरू करने से मना कर रहे हैं।
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