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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन , लोगो ने दी नम आंखों से अंतिम विदाई
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन , लोगो ने दी नम आंखों से अंतिम विदाई
वीर बहादुर सिंह | 01-09-2020
नई दिल्ली : सोमवार की शाम सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया था। मंगलवार दोपहर को राजकीय सम्मान के साथ प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार किया गया । वहाँ पर मौजूद सभी के आँखों से अश्रु थमनें का नाम नहीं के रहे थे । बेटे अभिजीत मुखर्जी के मुखाग्नि देने के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन हो गए । मुखर्जी जी को लोधी श्मशान घाट में अंतिम विदाई दी गई। # पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन
आपको बता दें श्मशान घाट जाने से पूर्व उनके पार्थिव शरीर को , उनके राजाजी मार्ग पर स्थित सरकारी आवास पे लाया गया, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया । उसके बाद प्रणब मुखर्जी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई। दिल्ली के लोधी रोड़ स्थित उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने और बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे और तमाम नेता प्रणब मुखर्जी के नाम के नारे लगा रहे थे। # पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन
कई दिनों से बीमार चल रहे थे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
बीते 10 अगस्त को उन्हें सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था , उसी दिन उनके ब्रेन की सर्जरी की गई थी ।जिसके बाद ही उनके फेफड़ों में संक्रमण पाया गया था। इसी वजह से वह लंबे समय से बीमार थे। वह सोमवार की शाम 84 वर्ष की उम्र में प्रणब मुखर्जी जी सबको अलविदा कह गए ।
वर्ष 1969 में बांग्ला कांग्रेस से शुरु किया राजनीतिक सफर
उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत 1969 में बांग्ला कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा सदस्य बनने से किया था । इसके बाद बांग्ला कांग्रेस का कांग्रेस में विलय हो गया । प्रणब मुखर्जी जब 2012 में देश के राष्ट्रपति बने तो उस समय वे केंद्र सरकार में मंत्री के तौर पर कुल 39 मंत्री समूहों में से 24 का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने वर्ष 2004 से 2012 के दौरान 95 मंत्री समूहों की अध्यक्षता की थी ।
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