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मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से 25 लोगों की मौत, मृतकों के परिजनों ने मचाया बवाल
नई दिल्ली। मामला गाज़ियाबाद के मुरादनगर का है जहाँ संगम विहार कॉलोनी में रहने वाले 65 वर्षीय जयराम का रविवार की रात निधन हो गया था और उनके अंतिम संस्कार के लिए परिजन व स्थानीय लोग उन्हें मुरादनगर के श्मशान घाट पर ले गए। मगर कौन जानता था कि वहाँ पर केवल जयराम की ही नहीं बल्कि साथ आए और भी लोगों की अंत्येष्टि करनी पड़ेगी। दरअसल जैसे ही उनके परिजनों ने अंतिम संस्कार की विधि शुरु ही की थी तब तक श्मशान घाट की छत पूरी तरह से लोगों पर ढह गई और मौजूद लोगों में से 25 ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मरने वालों में कुछ परिवार के सदस्य, कुछ रिश्तेदार व कुछ आस-पास के मोहल्ले वाले शख़्स थे। इस हादसे के कारण केवल मरने वालों के घरों में ही नहीं बल्कि पूरे इलाके में मातम सा छा गया है। इसके अलावा वहाँ मौजूद बहुत से लोगों की हालत भी गंभीर है और उनका जिला चिकित्सालय में इलाज कराया जा रहा है।
प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ हादसा
स्थानीय लोगों द्वारा बातचीत में पता चला कि श्मशान घाट के गलियारे की छत ढही थी जिसका निर्माण कार्य दो महीने से चल रहा था। और लगभग दो हफ़्ते पहले ही इसे लोगों के आने-जाने के लिए खोला गया था। इसको बनाने में करीब 55 लाख रुपए ख़र्च किए गए थे मगर कुछ बिचौलियों के भ्रष्ट होने के कारण इसका निर्माण ठीक तरह से नहीं हो पाया और दो हफ़्ते के अंदर ही छत ढह गई। जिसका नतीजा यह निकला की आज कई मासूमों ने अपनी ज़िंदगी खो दी तो कई आज अस्पताल में पड़े मौत से लड़ रहे हैं।
हादसे को लेकर सीएम योगी का बयान

इस दुखद घटना के तत्काल बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी और एसएसपी को तुरंत घटनास्थल पर पहुँचने का निर्देश दिया और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की। साथ ही दोषी ठेकेदार को जल्द से जल्द पकड़कर उसके ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करने की डीएम को हिदायत भी दी
नाराज़ परिजनों ने जताया आक्रोश
सोमवार को मृतकों के परिजनों ने गुस्से में आकर सड़क पर बैठकर दिनभर प्रशासन का खुला विरोध किया और सीएम आदित्यनाथ द्वारा दिए जाने वाले मुआवज़े को लेकर आक्रोश जताते हुए कहा कि हमारे लिए किसी परिवार के सदस्य की कीमत दो लाख रुपयों से कहीं अधिक है, पैसे से किसी की ज़िन्दगी नहीं ख़रीदी जा सकती। उन्होंने सरकार से सभी दोषियों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्रवाई करने की माँग करते हुए कहा है कि जब तक उन्हें दंड नहीं मिल जाता तब तक वे सुकून से नहीं बैठेंगे।
पकड़ा गया हादसे का आरोपी ठेकेदार
गाज़ियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट में दाह संस्कार करने गए लोगों की छत के ढह जाने से मौत हो गई थी. इस दौरान 25 लोगों की मौत हुई थी. इसी कड़ी में आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी व मामले में दोषी अन्य अधिकारियों को गिरफ़्तार कर मामला दर्ज कर लिया गया है। लेकिन इस बीच योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए मुरादनगर नगरपालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को निलंबित कर दिया है। साथ ही हादसे में जान गँवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपया मुआवज़ा देने की घोषणा भी की है।
सिर्फ़ इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ ने अफ़सरों की लापरवाही का नतीजा करार देते हुए आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियन (NSA) के तहत कार्रवाई करने का आदेश भी जारी कर दिया है। सीएम योगी ने चेतावनी भरी लहज़े में कहा कि इस तरह की घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार अफ़सरों के लिए प्रशासन में कोई स्थान नहीं है।