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सरकार और सुप्रीमकोर्ट आमने-सामने ?
मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। आठ दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने इस पर बड़ा कदम उठाया है।
केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने ये फैसला सुनाया, साथ ही अब इस मसले को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है।इस कमेटी में कुल चार लोग शामिल होंगे, जिनमें भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी शामिल हैं।ये कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपेगी, जबतक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती है तबतक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी।
वहीं, अटॉर्नी जनरल की ओर से कमेटी बनाने का स्वागत किया गया।इसपर हरीश साल्वे कहा कि सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट कर सकता है कि ये किसी पक्ष के लिए जीत नहीं होगी, बल्कि कानून की प्रक्रिया के जरिए जांच का प्रयास ही होगा। चीफ जस्टिस की ओर से इसपर कहा गया कि ये निष्पक्षता की जीत हो सकती है।