वोट शेयर में वृद्धि के बावजूद भी एक बार फ़िर भारी मतों से विजयी होकर यूपी में अपनी सरकार बनाएगी भारतीय जनता पार्टी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछली बार के मुताबिक भले ही कम सीटों पर अपना कब्ज़ा जमा पाए, मगर चुनाव (election) से पूर्व हो रहे सर्वेक्षण (Survey) के अनुसार यह साफ़ दिखाई दे रहा है कि उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश) में बीजेपी सरकार (BJP Govt.) एक बार फ़िर अपने पाँव मज़बूती से जमा लेगी। वोट शेयर में वृद्धि ज़रुर हुई है जिसके नतीजतन बीजेपी 2017 की तुलना में इस बार कम सीटें जीतेगी, लेकिन आराम से 202 सीटों के जादुई आँकड़े (statistics) को पार कर जाएगी।
बीजेपी का वोट शेयर 2021 में 0.4 फ़ीसदी से बढ़कर 41.8 फ़ीसदी हो जाएगा, जो 2017 में 41.4 फ़ीसदी था। हालांकि, सीटों की संख्या 2017 में 325 से घटकर अगले साल के चुनावों में 263 रहने की संभावना है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि बीजेपी को 254 से 267 सीटें मिलेंगी। सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) (Samajvadi Party) की सीटों की संख्या और वोट शेयर दोनों इस बार बढ़ेंगे।
सपा का वोट शेयर 2017 में 23.6 से बढ़कर 2021 में 30.2 प्रतिशत हो जाएगा, जो 6.6 प्रतिशत की वृद्धि है। इसी तरह 2021 में इसकी सीटें 113 तक पहुँचने की उम्मीद है, जो कि 2017 में महज़ 48 थी। सर्वे (Survey) के मुताबिक, सपा (SAPA) को उत्तर प्रदेश में 109 से 117 सीटें मिलने की संभावना है।
सर्वेक्षण में आगे खुलासा हुआ है कि बसपा अध्यक्ष मायावती (Baspa president Mayavati) की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (Bahujan Samaj Party) के वोट शेयर और सीटों की संख्या दोनों में कमी आएगी। बसपा का वोट शेयर 2017 में 22.2 से 6.5 प्रतिशत घटकर 2021 में 15.7 फ़ीसदी हो जाएगा। सर्वेक्षण के अनुसार, बसपा विधायकों की संख्या 2017 में 19 से घटकर 2021 में 15 हो जाएगी। बसपा को 12 से 16 सीटें मिलने की संभावना है। कांग्रेस (Congress) को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में वोट शेयर और सीटों की संख्या में भी गिरावट देखने को मिलेगी, जो पार्टी के पुनरुद्धार के लिए एक प्रमुख राज्य है।
सीवोटर के सर्वेक्षण में कहा गया है कि कांग्रेस का वोट शेयर 2017 में 6.3 प्रतिशत से घटकर 2021 में 5.1 प्रतिशत हो जाएगा, जिसमें 1.2 फ़ीसदी की गिरावट की संभावना है। इसके अलावा सर्वेक्षण में कहा गया है कि पार्टी 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में केवल पाँच सीटें जीतेगी, जो 2017 की तुलना में दो कम है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में हुए इस सर्वेक्षण से भाजपाइयों के बीच काफ़ी खुशी का माहौल है। हालांकि चुनाव के परिणाम आने के बाद ही यह तय किया जा सकेगा कि विजेता कौन होगा ??