लखनऊ। कोरोना काल (Corona time) में यूपी (UP), सीबीएसई (CBSE) और सीआईएससीई (CISCE board) बोर्ड ने बिना परीक्षा (without examination) के मूल्यांकन नीति (evaluation policy) बनाकर छात्र-छात्राओं (students) को उत्तीर्ण (passed) किया। असंतुष्ट (dissatisfied) छात्र-छात्राओं के लिए सभी बोर्ड (board) ने इम्प्रूवमेंट (improvement) और कम्पार्टमेंट (compartment) परीक्षा (exam) करायी।
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जिसमें लखनऊ रीजन (Lucknow region) में सीआईएससीई (CISCE) के अन्तर्गत (under) तकरीबन (maximum) छात्र-छात्राओं ने आवेदन (application) किया। दसवीं (10th) और बारवीं (12th) की 16 अगस्त (August) से 7 सितम्बर (September) तक हुई इम्प्रूवमेंट परीक्षा का परिणाम जारी (result released) कर दिया गया है।
जिसमें शामिल (involve) होने वाले सभी छात्रों को मूल्यांकन नीति (evaluation policy) से काफी ज्यादा नम्बर (marks) मिले हैं। नम्बर अधिक मिलने की वजह से कम प्रतिशत (percentage) पाकर उत्तीर्ण (passed) हुए मेधावी (meritorious) बेहद खुश (happy) हैं। क्योंकि काफी संख्या (numbers) में मेधावियों की शिकायत (complaint) थी कि विषयों (subjects) में जितने नम्बर उन्हें मिलने चाहिए थे उतने नहीं मिले हैं।
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कम्पयूटर साइंस (computer science), बायो (biology), कैमेस्ट्री (chemistry) व गणित (maths) विषय में इंटर (inter) के छात्रों को पिछले अंकों (marks) की तुलना (comparison) में 10 से 23 अंक ज्यादा मिले हैं। इम्प्रूवमेंट परीक्षा में ज्यादातर इंटर के छात्रों ने किस्मत आजमायी (tried luck) थी। क्योंकि बोर्ड ने पहले ही कह दिया था कि परीक्षा में अगर अंक दिए गए अंकों से कम आए तो कम अंक ही मान्य (valid) होंगे।