नई दिल्ली. राजधानी में अगले 9 साल में कोयला से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले मौतों के आंकड़े दोगुने हो सकते हैं. वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले मौतों के अलावा 8360 बच्चों का गर्भ की नियमित अवधि से पहले जन्म और 10310 लोगों को अस्थामा संबंधी आपात स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. अगले एक दशक में दिल्ली में बच्चों में अस्थमा के 1360 मामले बढने की संभावना है.
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रिपोर्ट के अनुसार, इसकी वजह से देश भर में समय से पहले मौतों के 52700 और समय से पहले जन्म के 31300 मामले तथा अस्थमा संबंधी 48600 आपात मामले सामने आ सकते हैं. स्वच्छ ऊर्जा क्रांति के लिए स्वास्थ्य और आर्थिक मामले’ में ‘C 40 Cities’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में एक साल में कोयला संबंधी प्रदूषण के कारण समय से पहले 330 मौतें हुई हैं. हालांकि, 2030 तक हर साल 250 से अधिक ऐसी मौतें होंगी.
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भारत में कोयला से बनने वाली बिजली का करीब 12 प्रतिशत हिस्सा दिल्ली के 500 किलोमीटर के दायरे में उत्पादित होता है. C 40 सिटीज के नॉलेज एवं रिसर्च प्रमुख डॉ. रशेल हक्सली ने कहा, “कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण राजधानी में समय से मौतों की सालाना संख्या करीब-करीब दोगुनी हो सकती है.”