कानपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्वास्थ सेवाओं (Health facilities) को बेहतर (better) बनाने के लिए भले ही सरकार (government) तत्पर (Ready) हो मगर उनके मातहत (subordinate) यह बात समझ नहीं पा रहे हैं। शासन (Governance) के तमाम निर्देशों (instructions) के बावजूद स्वास्थ्य महकमे (health department) के अधिकारी (officers) पुराने ढर्रे (old fashioned) पर चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के अमृत महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम में शिरकत करने पहुँचे लखनऊ।
इसकी वास्तविकता (reality) जानने (knowing) के लिए कानपुर (Kanpur) के जिलाधिकारी विशाख अय्यर (DM Vishakh Ayyar) मरीज (patient) बनकर बिना किसी सरकारी गाड़ी (government vehicle) और लाव लश्कर (Lav Lashkar) के उर्सला अस्पताल (Ursala hospital) पहुँचे। अस्पताल (hospital) पहुँचने (reached) पर जहाँ एक ओर डॉक्टरों (doctors) के कक्ष (room) के बाहर मरीज (patients) इंकार (deny) कर रहे थे तो वहीं एक बेंच (bench) पर जिलाधिकारी विशाख अय्यर बैठे डॉक्टर का इंतजार करते रहे थे। उनके इस निरीक्षण (Inspection) में उर्सला अस्पताल की कार्यप्रणाली (modus operandi) की पोल खुल (Poll Khul) गई।
वहीं जिलाधिकारी के अस्पताल में निरीक्षण की सूचना (information) मिलने के बाद जिला अस्पताल (district hospital) में हड़कंप (stir) मच गया। आनन-फानन (hastily) में डॉक्टर (doctor), डिप्टी डायरेक्टर (deputy director) और सीएमएस (CMS) जिलाधकारी (District Megistrate) को अपना चेहरा (face) दिखाने के लिए उनके पास पहुँचे। नाराज (angry) जिलाधिकारी ने सीएमएस, डिप्टी डायरेक्टर और सीएमओ (CMO) को फटकार (Damnation) लगाई।
अव्यवस्थाओं (disturbances) को देखकर जिलाधिकारी ने सीएमओ से स्पष्टीकरण नोटिस (Explanation notice) माँगा (asked) है। जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण (A surprise check) की सूचना (information) मिलने के बाद आनन-फानन में चिकित्सक (doctors) और नदादद कर्मचारी (absent employee) भी अपनी ड्यूटी (duty) पर पहुँच (reached) गए।
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