जौनपुर। पूना (Pune) से नई प्याज़ का न आना व लोकल स्तर पर टमाटर की पैदावर न होना ग्राहकों के लिए मुसीबत बन गई है। महँगाई (Inflation) के चलते लोगों की कढ़ाई में प्याज़ का तड़का कम हो गया। टमाटर की कीमत में भारी इजाफ़ा होने से बटर चिकेन व पनीर बटर मसाला के स्वाद से लोग वंचित हो रहे हैं।
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सलाद की प्लेट में प्याज़ व टमाटर के स्थान पर अधिक मात्रा में मूली परोसा जा रहा है। होटल व रेस्तरां (restaurants) वाले भी टमाटर के स्थान पर ग्रेवी तैयार करने के लिए फ्यूरीफ़ाई (purify) का इस्तेमाल कर रहे हैं। जौनपुर शहर व ग्रामीण इलाके के सब्जी बाजार में पड़ताल (investigation) के दौरान पाया गया कि मौजूदा समय में प्याज़ मंडी में 38 से 40 रुपए किलो बिक रही है।
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यही प्याज़ फुटकर वाले दुकानदार ले जाकर ठेले व दुकान पर कम से कम 60 रुपए किलो में बेच रहे हैं। कल तक जो लोग दो किलो से लेकर पाँच किलो तक प्याज़ (onion) खरीदते थे आज वह एक किलो ही खरीदकर काम चला रहे हैं। प्याज़ की बिक्री मंडी में पहले की अपेक्षा आधी हो गई है। इसके पहले यही प्याज़ लोगों को साइज़ के हिसाब से 22 से लेकर 26 रुपए किलो तक में मिल जाती थी।
यही हाल टमाटर का हो गया है। टमाटर (tomato) भी मौजूदा समय में लोगों की पहुँच से दूर होता जा रहा है। अब से पहले टमाटर 22 से लेकर 25 रुपए किलो मंडी (vegetable market) में मिल जाता था। बाहर तीस से 35 में मिलता था। लेकिन इस समय टमाटर मंडी के अंदर 40 से 45 व बाहर 50 से 55 रुपए किलो बिक रहा है।