लखीमपुर खीरी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई होने जा रही है। पिछली सुनवाई के दौरान बेंच ने 20 अक्टूबर की तारीख तय की थी। 8 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार (UP government) के सीनियर अधिकारियों से कहा था कि मौके पर तमाम साक्ष्य सुरक्षित रखे जाएँ और उन्हें नष्ट न होने दें।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से रिपोर्ट दी जाएगी। पिछली सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे से कोर्ट ने कहा था कि हम आपका (साल्वे) सम्मान करते हैं। लेकिन यह केस बेहद संवेदनशील है। इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।
शौचालय में गिरने के कारण हुई पोते की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके दादा, उनकी भी मौत
साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सीबीआई जाँच (CBI investigation) भी समाधान नहीं है। बेहतर होगा कि आप कोई और रास्ता तलाश करें। वहीं, विशेष जाँच दल ने 3 अक्टूबर को तिकुनिया (Tikuniya) में हुई हिंसा के मामले में छह फोटो सार्वजनिक किए हैं। जनता से इनमें संदिग्धों की पहचान करने की अपील की गई है। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के खिलाफ शीर्ष अदालत ने कई तीखे सवाल किए थे।
रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के लिए राहत की ख़बर, रोजगार मेले का किया गया आयोजन….
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से इस मामले में उठाए गए कदम पर असंतुष्टि जाहिर की थी और सवाल किया कि क्या हत्या के अन्य मामले में भी पुलिस (police) इसी तरह से आरोपी के साथ पेश आती है..?? आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि आप राज्य को क्या संदेश दे रहे हैं..?? क्या आप मर्डर केस के सभी आरोपियों को समन (summon) जारी कर कहते हैं कि आप प्लीज आ जाएँ..??
भदोही में पानी और ओलों के साथ आसमान से बरस पड़ीं मछलियाँ, बस देखते रह गए लोग….