आगरा। कभी यमुना (Yamuna) का पानी इतना शुद्ध हुआ करता था कि यहाँ लोग याचमन (solicitation) किया करते थे। लेकिन अब यमुना का पानी इतना प्रदूषित (polluted) हो चुका है कि अगर आपने याचमन कर लिया तो आप सीधे यम के द्वार तक पहुँच सकतें हैं।
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यमुना का पानी सिंचाई (irrigation) के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता क्योंकि यह बहुत ही जहरीला (poisonous) हो चुका है। करोड़ों रुपए की योजनाएँ बनीं लेकिन कोई भी यहाँ काम नहीं आई। जो भी सरकार (government) आई सबने दावे किए कि हम यमुना को शुद्ध करेंगे लेकिन चाहे वह पहले की सरकार रही हो या वर्तमान सरकार यमुना को शुद्ध करने में पूरी तरह से विफल नज़र आती है।
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आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि कैलाश घाट (Kailash pier) से लेकर ताजमहल (Taj Mahal) तक यमुना को आने से पहले 91 गंदे नालों का सामना करना पड़ता है। इस दूरी में 91 गंदे नाले सीधे यमुना में गिरते हैं, जो यमुना को बहुत प्रदूषित व जहरीला बनाते हैं। केवल आगरा (Agra) में 61 नाले बिना किसी ट्रीटमेंट के यमुना में सीधे छोड़े जाते हैं।
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जो यमुना को तो गंदा करता ही है साथ ही जलीय जीव-जंतु भी खतरे में पड़ गए हैं। आगरा में पूरी यमुना कैलाश घाट से लेकर ताजमहल तक पहुँचने में ही 3 गुना मैली हो जाती है। यूँ तो यमुना को शुद्ध करने के लिए कई सारी योजनाएँ चलीं। “नमामि गंगे प्रोजेक्ट” (Namami Gange Project) से भी यमुना को जोड़ा गया लेकिन कोई भी प्रोजेक्ट यमुना को प्रदूषण से नहीं बचा पाया।
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आगरा की एक कंपनी है बवाग, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बवाग कंपनी यमुना में सीधे गिरने वाले नालों, सीवरों का ट्रीटमेंट (treatment) करने के लिए ₹48 करोड़ इस साल दिए गए हैं। लेकिन इसका असर बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहा है। यमुना में आज भी धड़ल्ले से बिना ट्रीटमेंट किए नाले सीवर धड़ल्ले से बह रहे हैं। लेकिन सरकारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
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