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हज़ारों किमी की यात्रा तय कर विदेशी पक्षी पहुँचे मेरठ, चहचहाहट से प्रफुल्लित लोग….

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मेरठ। मेरठ (Meerut) से 40 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी (Hastinapur Wildlife Sanctuary) का नज़ारा आजकल मन मोह रहा है। यहाँ 7 समंदर पार से हज़ारों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद विदेशी परिंदो (Migratory Bird) का एक बड़ा झुंड भीकुंड वेटलैंड पहुँच गया है। साइबेरिया, मंगोलिया, चीन, अफ़्रीका आदि देशों से परिंदे भारत में 4 महीने के लिए आते हैं।

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7 समंदर पार से आए प्रवासी पक्षियों (migratory birds) को देखने के लिए लोग दूर-दूर से हस्तिनापुर पहुँच रहे हैं। चिड़ियों की चहचहाहट सुनकर सभी का मन प्रफुल्लित हो रहा है। खासतौर से बर्ड वॉचिंग का शौक रखने वालों के लिए तो यह नज़ारा स्वर्ग जैसा ही है। बताया जाता है कि उत्तरी गोलार्ध में सितंबर महीने के अंत में बर्फ़बारी (snowfall) होती है, तो वहीं से 90 फीसदी परिंदे भारत की ओर रुख करते हैं।

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ये परिंदे झुंड में 30 से 35 हज़ार किलोमीटर का सफ़र सिर्फ 10 से 12 दिन में तय कर लेते हैं। बताते हैं कि ये अपना रास्ता सूर्य और चाँद-तारों की स्थिति देखकर तय करते हैं। पर्वतों, नदियों, वनों और झीलों के जरिए ये अपने लिए अनुकुल वातावरण पहचान लेते हैं। विश्व प्रवासी दिवस (world migrant day) वर्ष में दो बार मई और अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। इस बार की थीम सिंग फ़्लाई सोर लाइक एक बर्ड है।

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