प्रयागराज के संगम तट पर स्थित है मुगल बादशाह अकबर का किला, यह खुद में समेटे है कई रहस्य
प्रयागराज। यूँ तो प्रयागराज (Prayagraj) की धरती अपने संस्कारों, रीति-रिवाजों और आस्था (Faith) के केंद्र के चलते विश्व भर में जानी जाती है। लेकिन इतिहास की कुछ कहानियाँ (stories) और निशानियाँ (marks) भी इस धरती पर मौजूद हैं, जो बताती हैं कि शहर बेहद ऐतिहासिक (historical) है। इतिहास के अलग-अलग काल (Time period) की इमारतें, खान-पान आज शहर की पहचान में अहम भूमिका निभाता है।
प्रयागराज (Prayagraj) के अलग-अलग हिस्सों में मुगलकाल (Mughal period) से जुड़ी कई इमारतें और स्थान हैं जो देश-विदेश के लोगों के लिए आकर्षक का केंद्र हैं। इसी क्रम में मुगलकालीन अकबर का किला (Akbar’s fort) भी प्रमुख है। यह किला यमुना नदी (Yamuna river) की लहरों से टकराता शताब्दियों (Centuries) से यहाँ की कहानियों और परिवर्तनों को अपने अंदर समेटे हुए है। मुगल बादशाह अकबर ने इसे 1583 में बनवाया था। 30 हजार वर्ग फुट में बना यह किला लगभग 45 सालों में बनकर तैयार हुआ था। इसके निर्माण (construction) में कुल लागत (Cost) छह करोड़, 17 लाख, 20 हजार 214 रुपए आई थी .
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