लखनऊ। यूपी विधानसभा (UP Assembly) के लिए चुनावी बिसात (election board) बिछने लगी है। दलित (Dalits), पिछड़ों (backward) के साथ ही भाजपा (BJP) हो सपा (SAPA) या फिर बसपा (BASPA)….ब्राह्मणों का साथ पाने के लिए अपने हिसाब से हर फॉर्मूले गढ़े जा रहे हैं।
कांग्रेस के दिग्गज नेता शब्बीर अब्बास ने अपने सभी पदों से दिया इस्तीफ़ा….
यह तो 10 मार्च को परिणाम (result) आने के बाद ही पता चलेगा कि ब्राह्मणों (Brahmins) का साथ किसे मिला, लेकिन यह साफ है कि जिसको इनका साथ मिलता है, उसके लिए सत्ता की राह (road to power) आसान हो जाती है। सियासी दल (political party) दावा करते हैं कि यूपी (UP) में करीब 11 फीसदी ब्राह्मण मतदाता (voters) हैं।
BJP प्रत्याशी संजीव अग्रवाल को उनके कार्यालय पर लोगों ने पहनाई नोटों की माला और दूल्हे की पगड़ी…
दलित-ओबीसी (Dalit-OBC) की अपेक्षा ब्राह्मण मतदाता संख्या के आधार पर भले ही कम हैं, लेकिन माना जाता है कि राजनीतिक रूप से सत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं। यही वजह है कि ब्राह्मण समुदाय के नेता अपनी शर्तों (conditions) पर पार्टियों में रहते हैं। उपेक्षा होने की स्थिति में वे शिफ्ट होते रहते हैं।
UP में तेंदुए ने ली दो मासूमों की जान, आसपास के इलाकों में पसरा भय का माहौल….