स्वार्थी तत्व कर रहे सुरक्षा चक्र से खिलवाड़, नकली वैक्सीन व फ़र्जी कोविड टेस्टिंग किट बना कर रहे लोगों की सेहत से मज़ाक
वाराणसी। वैक्सीनेशन अभियान (vaccination campaign) के ज़रिए देश कोरोना वायरस (Corona virus) के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहा है, मगर कुछ स्वार्थी तत्व ऐसे हैं जो अपने फायदे के चक्कर में सुरक्षा चक्र (defense curl) से खिलवाड़ कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में फेक वैक्सीन (fake vaccine) बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। एसटीएफ़ (STF) ने नकली कोविशील्ड (covishield), जाइकोव डी वैक्सीन (jaikov d vaccine) और नकली कोविड टेस्टिंग किट (covid testing kit) बनाने वाले गिरोह का खुलासा किया है।
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बताया जा रहा है कि बरामद फेक वैक्सीन और कोविड टेस्टिंग किट की कीमत करीब 4 करोड़ रुपए है। इस मामले में एसटीएफ़ की टीम ने वाराणसी (Varanasi) से 5 आरोपियों (accused) को गिरफ़्तार (arrest) भी किया है, जिनके नाम हैं राकेश थवानी, संदीप शर्मा, लक्ष्य जावा, शमशेर और अरुणेश विश्वकर्मा। एसटीएफ़ ने एक्शन के दौरान नकली टेस्टिंग किट, नकली कोविशील्ड वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली वायल, स्वाब स्टिक (swab stick) आदि बरामद की है। गिरफ़्तार आरोपियों (arrested accused) से पूछताछ (inquiry) के बाद एसटीएफ टीम ने खुलासा किया है कि राकेश थवानी, संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर के साथ मिलकर नकली वैक्सीन व टेस्टिंग किट बनाते थे, जबकि आरोपी लक्ष्य जावा (Java) इस माल को अलग-अलग राज्यों (states) में सप्लाई (supply) करता था। आरोपियों से 4 करोड़ रुपए की नकली वैक्सीन और टेस्टिंग किट बरामद की गई है। फिलहाल, पुलिस (police) इस गिरोह (gang) के नेटवर्क (network) की छानबीन (investigation) में जुट गई है कि अब तक किन-किन राज्यों में इसकी सप्लाई हुई है।