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कुशीनगर हादसे में 5 लोगों की जान बचाने वाली पूजा अब इस दुनियाँ में नहीं रही, आख़िरी साँस तक लड़ती रही ज़िन्दगी की जंग

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यूपी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुशीनगर (Kushinagar) में बुधवार की शाम दर्दनाक हादसा (tragic accident) हुआ। शादी समारोह (marriage ceremony) के जश्न के दौरान कुएँ (well) का स्लैब गिरने से 13 लोगों की मौत (death) हो गई। इस हादसे में मरने वाली 22 वर्ष की पूजा यादव भी शामिल थी। लेकिन बहादुर बिटिया अब नहीं रही। मगर उस रात के दर्दनाक हादसे के दौरान दिखाई गई उसकी हिम्मत (bravery) की बातें हर ओर हो रही हैं। वह सेना भर्ती (army recruitment) की तैयारी कर रही थी। सेना में चयन से पहले वह ज़िन्दगी की जंग तो हार गई, लेकिन उसकी जांबाजी से पाँच लोगों की जान बच गई। इसमें दो बच्चे भी हैं। जिस वक्त यह हादसा हुआ पूजा के साथ डूबने वालों में उसकी माँ भी थी। उसने अपनी माँ लीलावती को बचाया। इसके बाद अनूप, उपेंद्र और एक-एक कर पाँच अन्य लोगों को बचाया। छठे की जान बचाते वक्त वह खुद कुएँ में डूब गई। प्रत्यक्षदर्शियों (eyewitnesses) ने बताया कि पूजा को धुन सवार थी कि वह सभी को बचाएगी। वह लखनऊ (Lucknow) में रहकर सेना में भर्ती की तैयारी कर रही थी।

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बता दें कि तहसीलदार शाही महाविद्यालय सिंगहा (Tehsildar Shahi College Singha) में पूजा बीए द्वितीय वर्ष (B.A. second year) की छात्रा थी। पिता बलवंत यादव जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आर्मी (army) में हवलदार पद (sergeant rank) पर तैनात हैं। उसके दो जुड़वा भाई आदित्य और उत्कर्ष हैं। वह क्लास नौ में पढ़ते हैं। पूरा परिवार शिक्षित (literate) है। पूजा खुद की तरह ही अपने भाइयों को भी सेना, पुलिस (police) में भर्ती करवाना चाहती थी। दरअसल, नेबुआ नौरंगिया थाने के नौरंगिया गाँव के स्कूल टोला में माटीकोड़वा (विवाह से पहले होने वाला कार्यक्रम) के दौरान कुएँ के स्लैब पर महिलाएँ और बच्चियाँ खड़ी थीं। इसी दौरान स्लैब (slab) टूटकर गिर गया। इससे स्लैब पर खड़ी 22 महिलाएँ और बच्चियाँ भी कुएं में गिर गईं। अचानक से कुएँ में बड़ी संख्‍या में महिलाओं और बच्चियों के गिरने से कोहराम (chaos) मच गया। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे गाँव में मातम का माहौल (atmosphere of mourning) है।

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