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कौन होगा इन 7 ताकतवर जिलों का बेताज बादशाह, सातवें चरण की वोटिंग का लोगों को बेसब्री से इंतज़ार..?

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सातवें चरण (Seventh phase) में शामिल जिलों में कई जिले दबंगों की राजनीति (politics of oppressors) के कारण हर चुनाव (election) में चर्चा में रहे हैं। इस चरण में वाराणसी (Varanasi) और आसपास के जिलों की 54 सीटों पर हो रहे चुनाव में सात सीटों पर या तो सात दबंग प्रत्याशी हैं या फिर उनके कुनबे से कोई सदस्य मैदान में ताल ठोके हुए है। पूर्वांचल (Purvanchal) के साथ ही पूरे प्रदेश की नज़रें इन सात सीटों पर लगी हैं। मऊ (Mau), गाजीपुर (Ghazipur), वाराणसी (Varanasi), जौनपुर (Jaunpur), भदोही (Bhadohi), आजमगढ़ (Azamgarh) व वाराणसी जिले से जुड़े इन नेताओं के लिए कोई दल मायने नहीं रखता है। हर चुनाव में इनकी दलीय निष्ठाएँ बदलती रही हैं।

बड़ा दल मिला तो ठीक नहीं तो छोटे दल से भी ये नेता चुनाव जीतते रहे हैं। निर्दल (independent) भी कई बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। मुख्तार नहीं उनके कुनबे से अगली पीढ़ी के दो युवा: मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) इस बार खुद चुनाव मैदान में नहीं हैं। उन्होंने अपनी मऊ सदर सीट से बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को चुनाव मैदान में सपा गठबंधन (SAPA alliance) के दल सुभासपा से मैदान में उतारा है।

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मऊ जिले की ही दूसरी सीट पर मुख्तार अंसारी के भतीजे मन्नू अंसारी (Mannu Ansari) सपा से चुनाव मैदान में हैं। मुख्तार के बेटे अब्बास 2017 में घोसी सीट (Ghosi seat) से बसपा (BASPA) से प्रत्याशी थे, उन्हें हार मिली थी। इस बार मुख्तार ने बेटे को विधायक बनाने के लिए अपनी सीट छोड़ी है। ब्रजेश सिंह (Brajesh Singh) के भतीजे चंदौली (Chandauli) से लगातार चुने जा रहे हैं विधायक: पूर्वांचल की राजनीति में मुख्तार के धुर विरोधी ब्रजेश सिंह के भतीजे विधायक सुशील सिंह (Susheel Singh) चंदौली की सैय्यदराजा सीट (Saiiyadraja seat) से भाजपा प्रत्याशी (BJP Candidate) हैं। सुशील लगातार तीन बार से विधायक हैं।

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इन दो बाहुबलियों के परिवार से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों पर सबकी निगाहें लगी हैं। आजमगढ़ में बेटे की सीट से प्रत्याशी हैं रमाकांत यादव: आजमगढ़ से पूर्व सांसद रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) फुलपूर पवई सीट (Phoolpur Pavai seat) से सपा के प्रत्याशी हैं। रमाकांत यादव की पहचान दबंग राजनेता की है। हालांकि उन्होंने अपने शपथ पत्र (Affidavit) में महज़ दो-तीन मुकदमों (lawsuits) का ही ज़िक्र किया है। दबंग छवि के कारण रमाकांत यादव आजमगढ़ और आसपास के जिलों में पहचाने जाते हैं। इस सीट से अभी इनके बेटे विधायक (MLA) हैं।

विधायक विजय मिश्रा जेल से ही ठोक रहे हैं ताल: भदोही की ज्ञानपुर सीट (Gyanpur seat) से विधायक विजय मिश्रा (Vijay Mishra) इस बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। निषाद पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर प्रगतिशील मानव समाज पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया है। विजय मिश्रा आगरा जेल (Agra jail) में बंद हैं। चुनाव की बागडोर उनकी पत्नी रामलली और बेटियाँ सँभाले हुए हैं।

जौनपुर (Jaunpur) की मल्हनी (Malhani) से धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) इस बार जदयू (JDU) से मैदान में: जौनपुर जिले के मल्हनी से पूर्व सांसद धनंजय सिंह इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। बड़ी पार्टियों से टिकट पाने में असफल रहने के बाद उन्होंने जदयू के सिंबल से नामांकन (nomination) किया है। धनंजय सिंह का नाम कई आपराधिक मामलों में सामने आया है। वाराणसी की पिंडरा से अजय राय कांग्रेस से मैदान में: वाराणसी की पिंडरा सीट (Pindara seat) से कांग्रेस (Congress) के प्रत्याशी अजय राय (Ajay Rai) पूर्व में पाँच बार विधायक चुने जा चुके हैं। एक बार मंत्री बनने का मौका भी इन्हें मिला था।

यह भाजपा, सपा, कांग्रेस के साथ ही निर्दल भी चुनाव लड़ चुके हैं। इन्हें भी दबंग राजनेता के रूप में जाना पहचाना जाता है। गाजीपुर से बसपा प्रत्याशी राजकुमार सिंह पर 11 मुकदमे: गाजीपुर सदर सीट (Ghazipur Sadar Seat) से बसपा (BASPA) के प्रत्याशी राजकुमार सिंह गौतम (Rajkumar Singh Gautam) पर भी पूरे प्रदेश की निगाहें हैं। राजकुमार सिंह गौतम के खिलाफ 11 मामले दर्ज हैं व 25 गंभीर धाराएँ लगी हैं। गौतम इस चरण में सर्वाधिक आपराधिक मुकदमों के मामले में दूसरे प्रत्याशी हैं।

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