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मोहनलाल विधानसभा से पहली बार हुई BJP की जीत, सपा को बुरी तरह से करना पड़ा हार का सामना

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लखनऊ। आजादी (Independence) के बाद लखनऊ (Lucknow) के मोहनलालगंज विधानसभा (Mohanlalganj Vidhansabha) के चुनाव (election) में पहली बार कमल का फूल खिला है। भाजपा (BJP) प्रत्याशी अमरेश रावत (Amaresh Rawat) ने जीत दर्ज की है जबकि सपा (SAPA) ने हैट्रिक लगाने के लिए मौजूदा विधायक अम्ब्रीश सिंह पुष्कर (Ambrish Singh Pushkar) का टिकट काट कर मोहनलालगंज से 2009 में सांसद (MLA) रह चुकी सुशीला सरोज (Susheela Saroj) को टिकट दिया था।

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लेकिन सपा को हार का सामना करना पड़ा। मोहनलालगंज, सुरक्षित विधानसभा सीट पर कमल खिलाने के लिए भाजपा ने कई बार प्रयास किया। कई बार के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दूसरे नम्बर तक पहुँचे लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सके। 1980 में भाजपा ने मोहनलालगंज में कमल खिलाने के लिए राजाराम वर्मा (Rajaram Verma) को मैदान में उतारा था । लेकिन भाजपा को तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा था।

1985 में भाजपा ने कमल खिलाने के लिए  मास्टर संतराम (Master Santram) को प्रत्याशी बनाया लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सके थे। उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। 1991 में भी यहाँ बीजेपी जीत दर्ज नहीं कर पाई थी। यहाँ प्रत्याशी मोहनलाल उपविजेता रहे थे। 1993 में हुए चुनाव में भाजपा के विनोद दूसरे नम्बर तक पहुँचे लेकिन उन्हें भी जीत नहीं मिली थी।

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सन् 1996 में भी भाजपा यहाँ तीसरे स्थान पर थी। जहाँ से बीजेपी ने विनोद कुमार को मैदान में उतारा था। 2007 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कन्हई लाल मैदान में थे। लेकिन वह मात्र 7324 मत पाकर पाँचवें स्थान पर रहे। सन् 2012 में भी मोहनलालगंज में कमल नहीं खिल पाया था। भाजपा से चुनाव लड़ने वाली पूर्णिमा वर्मा सातवें स्थान पर रही थीं। 2017 में पूरे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भाजपा की लहर थी। राजधानी की मोहनलालगंज इकलौती सीट थी जिसपर भाजपा ने जीत नहीं दर्ज कर पाई थी।

भाजपा ने अपना प्रत्याशी न खड़ा कर आरके चौधरी को समर्थन दिया था। लेकिन आरके चौधरी ने कमल के निशान पर चुनाव नही लड़ा था। लोगों का मानना था कि अगर आरके चौधरी (RK Chaudhary) कमल के निशान पर चुनाव लड़ते तो जीत दर्ज कर सकते थे। इस बार भाजपा प्रत्याशी ने बड़ी जीत दर्ज कर मोहनलालगंज में आज़ादी के बाद पहली बार कमल खिला दिया।

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