भोले की नगरी “काशी” पर जमकर चढ़ा होली का ख़ुमार, देखने योग्य है घाटों का नज़ारा
वाराणसी। भोले (Bhole) की नगरी काशी (Kashi) पर होली की खुमारी चढ़ गई है। होली (Holi) में इस बार मस्ती के साथ सियासी रंग (political colour) भी देखने को मिल रहा है। गंगा घाटों (Ganga ghat) पर रंग-गुलाल की मस्ती के बीच लोकगीत कलाकार (folklore artist) अपने ही अंदाज़ में होली की मस्ती करते नजर आ रहे हैं।

होली के मदमस्त गीतों में मस्ती संग सियासी तंज भी सुनाई दे रहा है। होली की मस्ती में सियासी तंज इसबार इसलिए जायज़ है क्योंकि हाल में ही यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections results) के नतीजे आए हैं और यूपी (UP) में जल्द ही नई सरकार (government) बनने जा रही है। सारा रा रा….के सियासी रंग और जात-पात काम ना आए और नाही आयल काम रंगदारी की गूंज काशी के गंगा तट पर इन दिनों सुनाई दे रही है। इन सब के अलावा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से लेकर मायावती (Mayavati) तक को कलाकार अपने गीतों के ज़रिए बनारसी अंदाज (Banarasi style) में जवाब दे रहे हैं।