टकटकी निगाहों से बिना पलक झपकाए 1 घंटे 26 मिनट तक सूरज को देखते रहे 70 वर्षीय बुज़ुर्ग, इंडिया बुक में दर्ज हुआ रिकॉर्ड
मथुरा। कान्हा (Kanha) की नगरी मथुरा (Mathura) में एक बार फिर लगन व शक्ति का नया रिकॉर्ड इंडिया बुक (India Record Book) में दर्ज हुआ। सूर्य को बिना पालक झपकाए निहारने का यह नया रिकॉर्ड 70 वर्षीय महेंद्र सिंह वर्मा (Mahendra Singh Verma) ने बनाया। पिछला रिकॉर्ड भी महेंद्र सिंह वर्मा के ही नाम था। अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए महेंद्र वर्मा ने सूर्य को टकटकी निगाहों से बिना पलक झपकाए 1 घंटे 26 मिनट तक देखा। इस दौरान इंडिया बुक रिकॉर्ड की ओर से भानूप्रताप, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, कोऑर्डिनेटर प्रेरणा शर्मा, अध्यापिका उषा शर्मा, टिजिल चौधरी, इन्द्रजीत, निधि सिंह भी इस रिकॉर्ड के साक्षी रहे।
आमतौर पर सूर्य को टकटकी लगाकर बिना चश्मा लगाए देखने को मना किया जाता है, क्योंकि सूर्य की किरणों से आँखों के खराब होने की संभावना ज़्यादा होती है। लेकिन सूर्य को बगैर चश्मा लगाए और बिना पलक झपकाए देख रहे 70 वर्षीय यह शख़्स महेंद्र वर्मा हैं, जिनका सूर्य को निहारने का सिलसिला जारी है और एक बार फिर इन्होंने एक रिकॉर्ड खुली आँखों से सूर्य को देखने का (त्राटक) 1 घंटे 26 मिनिट का बना डाला है। उधर इस रिकॉर्ड के गवाह (Witness) के रूप में मौजूद पूर्व विधायक प्रदीप माथुर का कहना है कि वह महेंद्र सिंह वर्मा को काफी लंबे अरसे जानते हैं।
वह एक अच्छे ज्योतिषाचार्य (astrologer) हैं और उनकी भविष्यवाणी (Prediction) पर ही उन्होंने राजनीति (politics) में एंट्री की थी। उनकी लगन की वजह से यह हठ योग की तरह काम करते हैं और आज वह इस मुकाम पर पहुँचे हैं। आगे यह गिनीज बुक (Guinness Book) में अपना नाम दर्ज कराएँगे। इसके लिए मैं इनको शुभकामना देता हूँ। 1 घंटा 26 मिनट तक सूर्य को टकटकी लगा निहारने के बाद मौके पर मौजूद डॉक्टर्स की टीम (doctor’s team) ने महेंद्र वर्मा की आँखों का परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान महेंद्र सिंह वर्मा बिना किसी तकलीफ के पढ़ लिख रहे थे और उनकी आँखों को डॉक्टर्स की टीम ने सही पाया। यह रिकॉर्ड अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। यह एक जुनून ही है।
जब लोग सूरज को चश्मा लगाकर ज़्यादा देर नहीं देख सकते उसे घंटों देखने का ऐसा जुनून अभी तक बहुत कम लोगों में दिखाई देता है। महेंद्र वर्मा का यही हठ योग उनको गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए प्रेरित कर रहा है। और यदि यही लगन व हठ रहा तो आने वाले दिनों में महेंद्र वर्मा का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज होगा।