UP में अब देर से दफ़्तर आने वाले कर्मचारियों की खैर नहीं: सीएम योगी आदित्यनाथ का आया फ़रमान
लखनऊ। प्रदेश (state) में अब अधिकारियों (officers) और कर्मचारियों (workers) को टाइम पर दफ़्तर (office) आना होगा। लेट लतीफ़ अफ़सरों और कर्मचारियों पर सख़्ती का यह फ़रमान योगी सरकार (Yogi Government) ने सुनाया है। यूपी (UP) के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) की तरफ से जारी इस आदेश में कहा गया है कि अगर अफ़सर व कर्मचारी समय से दफ़्तर नहीं पहुँचते हैं तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ (Lucknow) में आज से दफ़्तरों में चेकिंग अभियान भी चलेगा। इन बाबत मुख्य सचिव ने सभी विभागों (departments) को अपर मुख्य सचिव को इस संबंध में निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को लोकभवन (Lok Bhavan) में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं (public problems) का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित हो कि अफ़सर और कर्मचारी दफ़्तर समय से पहुँचें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही (Accountability) भी तय की जाए। अफ़सर और मंत्रियों (ministers), दोनों के लिए निर्देश दिए कि कैबिनेट (cabinet) के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियाँ संबंधित मंत्री द्वारा ही की जाएँगी। दरअसल, कई मंत्री अब तक पूरी तरह अधिकारियों पर आश्रित रहे हैं। कैबिनेट में चर्चा के लिए कोई प्रस्ताव जाने पर मंत्री उसे नहीं समझा पाते थे।
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तब अधिकारी सब समझाते थे। अब जिस तरह से नए मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) का गठन किया गया है, उससे इशारा मिल ही चुका है कि सरकार अब मंत्रियों के काम का आंकलन (assessment) भी करना चाहती है। जब एक-एक प्रस्ताव से वह सीधे जुड़े होंगे, तब उनकी जवाबदेही बनेगी और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरशाही (bureaucracy) पर भी कुछ नियंत्रण रहेगा।