अयोध्या के सर्किट हाउस में राम मंदिर निर्माण समिति और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की हुई बैठक, माता सीता का भी बनेगा मंदिर
अयोध्या। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) स्थित सर्किट हाउस (circuit house) में रविवार को राम मंदिर निर्माण समिति (Ram Mandir Nirman Samiti) और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shree Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कुई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। जिसमें राम जन्मभूमि परिसर (Ram Janmabhoomi Parisar) में अब माता सीता (Mata Sita) को भी स्थान दिया जा रहा है। परिसर में ही माता सीता का भी मंदिर बनाया जाएगा। इसके अलावा भगवान गणेश (Ganesh), जटायु (Jatayu) और निषाद राज (Nishad raj) को भी सम्मान मिलेगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (General Secretary Champat Rai) ने बताया कि यात्री सुविधा और मंदिर निर्माण दोनों साथ चलेंगे। अयोध्या में गणेश जी का कोई स्थान नहीं है, जहाँ प्रधान देवता के रूप में गणेश जी विराजमान हों। उनको भी परिसर में मंदिर के रूप में सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जो गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लोक भाषा में लिखा था। ऐसे महान शख्सियत गोस्वामी तुलसीदास को भी परिसर में स्थान दिया जाएगा। चंपत राय ने बताया कि नारी शक्ति के रूप में माता सीता जानी जाती हैं।
उनके भी सम्मान के रूप में परिसर के भीतर मंदिर बनाया जाएगा। इसके साथ ही माता शबरी और जटायु, जिनका भगवान श्रीराम (Lord shree ram) ने अपनी गोद में रखकर अंतिम संस्कार (Funeral) किया था उनको भी सम्मानजनक स्थान मंदिर के रूप में दिया जाएगा। इसके साथ ही भगवान श्रीराम के सखा केवट निषाद राज को भी सम्मान दिया जाना है। चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ यात्री सुविधाओं के विकास (development of passenger amenities) पर भी बैठक में सहमति बनी है।
पहले चरण में 25 हज़ार यात्रियों के लिए सुविधा का निर्माण किया जाएगा। बैठक में प्रमुख रूप से राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के अलावा कार्यदाई संस्था एलएनटी (LNT) व टाटा कंसल्टेंसी (Tata Consultancy) के इंजीनियर (engineer) भी मौजूद रहे। सभी इंजीनियर्स ने अपने-अपने प्रेजेंटेशन (presentation) को सबके सामने रखा।