ATI NEWS
पड़ताल हर खबर की ...

योगी सरकार ने यूपी में मदरसों को लेकर किया बड़ा फैसला, नए मदरसों को अब नहीं मिलेगा अनुदान

0

उत्तर प्रदेश। यूपी (UP) में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath government) की सरकार ने मदरसों को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के तहत राज्य में नए मदरसों को अब कोई अनुदान (grant) (ग्रांट) नहीं मिलेगा। मंगलवार को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Minority Welfare Department) ने कैबिनेट (cabinet) में नए मदरसों को अनुदान ना देने का प्रस्ताव रखा था, जिस पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। यूपी में कुल मदरसों (Madrasas) की संख्या 16,461 है, जिसमें से इस समय 558 मदरसों को सरकारी अनुदान (governmental grant) मिल रहा है।

इन 558 मदरसों को सरकार प्रतिवर्ष 866 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है। मदरसों के शिक्षकों (teachers) और कर्मचारियों (workers) को इसी अनुदान से सैलरी मिलती है। इससे पहले समाजवादी पार्टी की सरकार (Samajwadi Party government) में साल 2016 में इसके लिए नीति (Policy) बनाई गई थी। ये नीति 2003 तक मान्यता पाने वाले मदरसों को अनुदान देने के लिए बनाई गई थी।

बीमार बच्ची को ठेले पर लादकर जौनपुर जिला अस्पताल पहुँची बेबस माँ, इलाज के दौरान हुई मौत

सपा सरकार में मदरसों को अनुदान देने के लिए जो नीति बनी थी, उसके तहत मदरसे का मैनेजमेंट (management) अनुदान पाने के लिए कोर्ट के पास चला जाता था, लेकिन जो नया प्रस्ताव आया है, उससे कोर्ट (court) द्वारा भी मदरसों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की जब सरकार आई तो उन्होंने 146 में से 100 मदरसों को अनुदान दिया और जो 46 मदरसे बच गए, उनको लेकर विवाद (controversy) हो गया।

इस मामले को लेकर सपा (SAPA) ने जो नीति बनाई थी, उसको आधार बनाकर मदरसे के मैनेजरों ने हाईकोर्ट (high court) का रुख कर लिया। इन लोगों का कहना था कि उन्हें नीति के तहत अनुदान नहीं दिया जा रहा है तो इसकी वजह बताई जाए। मदरसा प्रबंधन द्वारा अभी तक मनमाने तरीके से शिक्षकों की भर्ती हो रही थी लेकिन यूपी में अब मदरसा शिक्षक बनना आसान नहीं होगा। इसके लिए टीईटी (TET) (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की तरह एमटीईटी (MTET) (मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करना होगा। इसका आयोजन उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा होगा।

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

मदरसा शिक्षा परिषद (Madrasa Education Council) ने इसका प्रस्ताव बना दिया है और शासन (Governance) को भेज दिया है। जब शासन इसे मंजूरी देगा तो ये सिस्टम लागू हो जाएगा। इस मुद्दे पर राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश अंसारी (Danish Ansari) का कहना है कि उनकी सरकार का एजेंडा मदरसे में शिक्षा के स्वरूप को बदलना नहीं है, बल्कि उसे बेहतर बनाना है। हम मदरसे के सिलेबस के लिए मोबाइल एप्लीकेशन डेवलप कर रहे हैं। इससे स्टूडेंट्स घर पर भी पढ़ सकते हैं।

मदरसों के आतंकी कनेक्शन (terrorist connection) को लेकर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) से ऐसे मामले अक्सर सामने आए हैं, जहाँ मदरसों के लोग आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए और उनकी गिरफ़्तारी (arrest) हुई। इसी महीने (मार्च 2022) में पश्चिम बंगाल (west bengal) के हावड़ा (Howrah) जिले में मदरसे के एक शिक्षक को गिरफ़्तार किया गया था। पुलिस (police) का कहना था कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) (जेएमबी) के साथ उसके कथित रूप से संबंध थे। 

Leave A Reply

Your email address will not be published.