मुख्तार बाबा पर मंदिरों को कब्जाने का आरोप….
कानपुर: कानपुर हिंसा मामले में योगी सरकार सख्त रवैया अपनाए हुए है। इसी क्रम में हिंसा में हयात जफर हाशमी को फंडिंग करने में मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार बाबा के पूरे कुनबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने माफिया मुख्तार, उसके बेटे-बेटी, मां समेत 26 लोगों पर तीन एफआईआर दर्ज की हैं।
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इसमें मौलाबख्श, मुख्तार बाबा की मां हाजरा बेगम, मुमताज अहमद, मुश्ताक अहमद आदि को नामजद किया गया है। शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति के सचिव अदीबुल कदर ने कहा कि रामजानकी मंदिर परिसर में तमाम किराएदार थे। 1931 के दंगे के बाद हिंदू पलायन कर गए। फिर धोखाधड़ी कर मंदिर परिसर मौलाबख्श ने अपने नाम करा लिया। इसके बाद फर्जी हिबानामा के जरिए मुख्तार बाबा की मां के नाम बैनामा कर दिया गया।
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चमन गंज थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं उदय शंकर निगम ने कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रेम नगर में स्थित मकान नंबर 98/ 52 शिव सहाय रोड पर शिव जी का मंदिर बना हुआ था। यहां परिक्रमा करने के लिए एक कुआं है, जो परिसर में स्थित है। यह संपत्ति कानपुर नगर निगम में सन् 1932 के पंचसाला में लिखी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्तार बाबा और उसके बेटे महमूद उमर ने भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से मंदिर नेस्तनाबूद कर दिया।
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रामजानकी मंदिर के किराएदार रहे एहसान उल हक अंसारी ने बजरिया थाने में बाबा, छुट्टन, सलाउद्दीन, मुबीन, महबूब आलम, महमूद उमर और तीन अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने कहा है कि वह मंदिर परिसर में किराएदार थे। मंदिर की संपत्ति संख्या 99/14 थी, जो आरोपितों ने नगर निगम में 99/14ए में दर्ज करा ली। मुख्तार ने उससे जबरन जगह खाली करा ली थी।