एक दिन का ADG बना प्रयागराज का हर्ष दुबे….
उत्तर प्रदेश। कहते हैं कि कोई बीमार व्यक्ति (sick person) तब तक स्वस्थ (healthy) नहीं हो सकता, जब तक उसका मनोबल (morale) न हो। अपने मन की शक्ति (mind power) को दुनियां की सबसे मजबूत ताकत और शक्ति माना जाता है। डॉक्टर्स (doctors) भी अपने मरीजों (patients) को तमाम जतनों से ठीक करने की कोशिश करते हैं।
वे दवा के साथ-साथ कुछ ऐसा करने का भी प्रयास करते हैं, जिससे रोगी जल्द स्वस्थ हो सके। कुछ ऐसा ही किया गया उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में जहाँ एक मरीज को स्वस्थ करने के लिए उसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (senior police officer) बनाकर पूरे क्षेत्र की कमान उसे सौंप दी गई। मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है। यहाँ हर्ष नामक युवक रहता है। वह जन्म से ही दिव्यांग (Handicapped) था। अभी वह कक्षा 6 में पढ़ रहा है, लेकिन उसे कैंसर (cancer) है। पिता सनाज्य दुबे ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार और उसके इलाज और दवाई का इंतज़ाम करते हैं।
2 साल पहले उन्हें पता चलता है कि हर्ष को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी है तो वे उसे कमला नेहरू अस्पताल (Kamala Nehru Hospital) में ले जाते हैं, जहाँ हर्ष का इलाज (treatment) चल रहा है। पिछले दो सालों से हर्ष का इलाज कमला नेहरू के डॉक्टर बी पॉल, डॉक्टर राधा रानी घोष और सर्जन (surgeon) डॉक्टर विशाल केवलानी के नेतृत्व में हो रहा है। उनके अनुसार दवा (medicine) और इलाज का असर तो हो रहा था, लेकिन हर्ष का मनोबल मजबूत नहीं था। हर्ष का पुलिस (police) में भर्ती होना सपना था तो उन्होंने सोचा क्यों न हर्ष को एक दिन के लिए पुलिस अधिकारी बनवाया जाए। जिससे हर्ष गौरवान्वित (proud) महसूस करें और इसी के चलते आज एडीजी प्रेम प्रकाश ने हर्ष को 1 दिन का एडीजी बनाया।
अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने बताया कि हर्ष का हौसला बढ़ाने के लिए उसे बॉडी किट देने के साथ-साथ एक दिन का एडीजी प्रयागराज भी बनाया। हर्ष ने भी एक वरिष्ठ अधिकारी की तरह आज एडीजी ऑफिस में बैठकर पुलिस व्यवस्था को समझा व कई डॉक्यूमेंट्स (documents) पर सिग्नेचर भी किए। हर्ष का इलाज कर रहे डॉक्टर पॉल ने कहा कि कैंसर मरीजों (cancer patients) को हिम्मत की बहुत जरुरत होती है। कैंसर लाइलाज बीमारी तो है लेकिन अगर सही से इलाज हो और पेशेंट के अंदर हिम्मत हो तो लाइलाज बीमारी (terminal illness) का इलाज भी संभव हुआ है।