ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन के घर दोबारा पहुँची छत्तीसगढ़ पुलिस, घर मिला बंद तो दफ़्तर जाएगी पुलिस
नई दिल्ली। अब छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम ज़ी न्यूज़ के दफ़्तर (Zee news office) भी जाएगी। कल नोएडा पुलिस (Noida Police) ने रोहित रंजन को गिरफ़्तार (arrest) करके जमानत (Bail) पर छोड़ दिया था। यूपी पुलिस (UP police) पर रोहित रंजन को बचाने और गायब करने के आरोप (allegations) लग रहे हैं। राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के वीडियो से छेड़छाड़ के मामले में नोएडा पुलिस का कहना है कि टीवी न्यूज़ एंकर रोहित रंजन को पूछताछ (inquiry) के बाद मंगलवार की शाम को गिरफ़्तार (arrest) किया गया। बाद में टीवी एंकर को जमानत पर रिहा (released on bail) कर दिया गया। नोएडा पुलिस ने 12 घंटे से ज़्यादा वक्त के बाद एक बयान (statement) में कहा कि रंजन को उनके गाज़ियाबाद (Ghaziabad) के घर से गिरफ़्तार किया गया है।
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यह गिरफ़्तारी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 505 (2 वर्गों के बीच शत्रुता (hostility), घृणा (Hatred) या दुर्भावना पैदा करने (to create ill-will) या बढ़ावा देने वाले बयान) की जाँच (investigation) के तहत की गई है। पुलिस ने बयान में कहा, “एंकर रोहित रंजन को मामले में पूछताछ के लिए इंदिरापुरम स्थित उनके आवास से नोएडा लाया गया था। पूछताछ के बाद सबूतों के आधार पर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया। उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है क्योंकि उनके खिलाफ लगाई धारा जमानती अपराध (bailable offense) है। मामले में आगे की जांच जारी है।” यह कार्रवाई चैनल द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भ्रामक वीडियो चलाने के बाद की गई है. इस वीडियो के लिए चैनल ने माफी भी मांगी थी. एक नाटकीय वीडियो में दो राज्यों की पुलिस में जोरदार बहस और धक्का-मुक्की होती दिख रही है।
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छत्तीसगढ़ पुलिस एंकर को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी, जबकि गाजियाबाद में पुलिस एंकर को कहीं ओर लेकर निकल गई. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस सुबह करीब साढ़े पांच बजे पहुंची, वहीं स्थानीय गाजियाबाद पुलिस एक घंटे बाद पहुंची और नोएडा पुलिस वहां सुबह आठ बजे के बाद पहुंची. छत्तीसगढ़ के रायपुर पुलिस (Raipur Police) के डीसीपी (DCP) उदयन बेहार ने NDTV से कल कहा था कि ”हमने कानून (law) के तहत रोहित रंजन को गिरफ़्तार करने की कोशिश की लेकिन गाज़ियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने जबरन आरोपी को अपनी गाड़ी में बिठा लिया।
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यह कानूनन गलत है। अगर वारंट (arrest warrant) है तो लोकल पुलिस को बताने की जरूरत नहीं है। हमने इंदिरापुरम थाने में पुलिस वालों के खिलाफ शिकायत (complaint) की है। हमने एसएसपी (SSP) को मेल भी किया है।” उदयन बेहार (Udayan Behar) ने कहा कि ”यूपी पुलिस का व्यवहार समझ से बाहर है। हमने राहुल गाँधी पर टिप्पणी को लेकर कई धाराओं में केस दर्ज किया है। हमें नहीं पता नोएडा पुलिस क्या जाँच कर रही है..? जीडी एंट्री (GD entry) में भी कुछ नहीं लिखा है कि वह आरोपी (accused) को कहाँ ले जा रहे हैं..?”