बाईपास सर्जरी के दौरान 210 मिनट तक बंद रहा महिला का दिल, फिर जो हुआ वो हैरान कर देगा….
मेरठ: मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। डॉक्टर्स ने बताया कि जटिल प्रक्रिया में हाईटेक मशीनों के ज़रिए हृदय की धड़कन चलती रही और सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। पहली बार ऐसा सफल ऑपरेशन होने से डॉक्टर्स की टीम में ख़ासा उत्साह है। डॉक्टर रोहित चौहान का कहना है कि अगर तीन मिनट ब्रेन को ब्लड नहीं मिला तो ब्रेन डेड हो जाएगा।
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तीन मिनट वो गोल्डन टाइम है जिसमें लाइफ मिल सकती है और डेथ भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज मेरठ में ऐसा आपरेशन पहली बार हुआ है। इस ऑपरेशन का खर्चा भी बेहद कम आया है.उसके बाद उन्होंने मेडिकल कालेज मेरठ के कार्डियो थोरेसिक सर्जरी ओपीडी में परामर्श लिया जांच कराने पर पता चला कि मरीज का माइट्रल वाल्व खराब हो चुका है।
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जिसके कारण रक्त का प्रत्यावहन (बैक फ्लो) हो रहा है। मरीज को माइट्रल चाल्व को बदलने की सर्जरी का परमर्श दिया गया। कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के सह आचार्य डाक्टर रोहित कुमार चौहान एवं उनकी टीम (ऐनेस्थीसिया डा० सुभाष दहिया, सर्जन डा. रोहित कुमार चौहान, परफयूज़निस्ट विमल चौहान, ओ०टी० इन्चार्ज हिमाली पौहान, स्टाफ बुशरा, नीतू ने मैकेनिकल हार्ट वाल्व का सफल प्रत्यारोपण हार्ट लंग मशीन की सहायता से मेडिकल कालेज मेरठ में करने का कीर्तिमान हासिल किया है।