बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एग्जाम में विश्वेश्वर मंदिर तोड़े जाने के सवाल पर बवाल….
वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में एमए इतिहास (MA History) की परीक्षा में एक सवाल ने बवाल खड़ा कर दिया। एग्जाम में छात्रों से उस पुस्तक और लेखक का नाम पूछा गया है,जिसमें औरंगजेब (Aurangzeb) द्वारा आदि विश्वेश्वर मंदिर (Adi Vishweshwar mandir) के विध्वंस का उल्लेख किया गया है। इसको लेकर हिन्दू पक्ष आक्रोशित है।
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ये सवाल औरंगजेब के शासनकाल से जुड़ी सबसे भरोसेमंद किताब मासिर ए आलमगिरि (Masir e Alamgiri) से जुड़ा है, जिसमें मुगल सल्तनत में औरंगजेब काल की घटनाओं को जिक्र है। किताब में लिखा है कि 8 अप्रैल 1669 को मुगल सम्राट औरंगजेब ने वाराणसी के स्कूल औऱ मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया था। 2 सितंबर 1669 को मंदिर टूटे जाने की जानकारी मिली है। औरंगजेब के शासनकाल की ये किताब मुस्ताईद खान ने लिखी है।
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वर्ष 1991 में बनारस के पुजारियों ने एक याचिका दायर कर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा करने की अनुमति मांगी थी। इसके बाद कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें दावा किया गया है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के कुछ हिस्सों को ध्वस्त करके मस्जिद का निर्माण किया गया था। उधर, शृंगार गौरी मंदिर में मिले कथित शिवलिंग को लेकर कार्बन डेटिंग तकनीक से जांच कराने की मांग की गई है।
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