नेताजी की वजह से ही शुरू हुई थी सैफई की यह अनोखी परंपरा….
इटावा: यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री और एक बार रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को निधन हो चुका है। नेताजी का पार्थिव शरीर भी पंचतत्व में विलीन हो चुका है। उनके निधन के बाद उसके सैफई आवास पर देश की बड़ी राजनीतिक हस्तियों का लगातार आना बना हुआ है और वो सैफई पहुंचकर मुलायम को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। मुलायम सिंह और उनके दोस्त बाबू दर्शन सिंह के अनुसार अगर कोई बड़ा आदमी गमी होने के बाद तेरहवीं भोज का आयोजन करता है तो गरीब लोगों को भी तेरवीं भोज का आयोजन करना पड़ेगा।
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ऐसे में गरीब परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसे देखते हुए दोनों नेताओं द्वारा क्षेत्र में मुहिम चलाकर तेरवीं भोज प्रथा बंद करा दी गई। तभी से लेकर आज तक सैफई में कभी तेरवीं भोज कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ है। आरजेडी नेता शरद यादव के बेटे शान्तानु यादव ने नेताजी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि नेताजी की कमी हमेशा खेलेगी उसको कोई भीपूरा नहीं कर सकता है।
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गोरखपुर से राज्यसभा सांसद संगीता यादव भी नेताजी मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंची हैं। इस बारे में पत्र जारी किया गया है, जिसमें, कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक एवं पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से हम सभी दुखी हैं। शोकाकुल कार्यकर्ता एवं समर्थकों से निवेदन है कि 21 अकटूबर को आदरणीय नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हर जनपद में कार्यक्रम आयोजित करें।
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