गुजरात के मोरबी में ब्रिज हादसे का CCTV फुटेज आया सामने, लगभग 141 लोगों की हुई हादसे में मौत….
गुजरात। गुजरात (Gujarat) के मोरबी में ब्रिज हादसे (Morbi Bridge accident) का सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage) सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि लोग ब्रिज पर सेल्फी लेते और मौज मस्ती करते नजर आ रहे हैं। तभी कुछ ही सेकंड में ब्रिज गिर जाता है और कुछ ही पल में लोग नदी में समा जाते हैं। 35 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि पुल पर काफी भीड़ नज़र आ रही है।
घुटने का सफल प्रत्यारोपण अब जौनपुर में संभव, अन्य महानगरों में जाने की आवश्यकता नहीं – डॉ रॉबिन सिंह
ब्रिज काफी संकरा है। अचानक से ब्रिज टूटने पर सैकड़ों लोग इसमें गिर जाते हैं। मोरबी में रविवार शाम करीब 6.30 बजे ये हादसे हुआ था। यहाँ मच्छु नदी (Macchu River) पर बना केबल ब्रिज (cable bridge) अचानक टूट कर नदी में गिर गया था। हादसे के वक्त ब्रिज पर 300-400 लोग मौजूद थे। कुछ लोगों ने ब्रिज के बाकी हिस्से और रस्सियों पर लटककर जान बचाने की कोशिश की। तो कुछ लोग तैरकर नदी से बाहर आने में सफल हुए लेकिन सैकड़ों लोग नदी में समा गए।
शोध का बड़ा केंद्र बन रहा पीयू पीयू केशव प्रसाद मौर्य….
गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत (death) हो गई। पिछले 15 घंटे से रेस्क्यू अभियान (rescue operation) जारी है। रेस्क्यू के लिए सेना (Army), नेवी (Navy), एयरफोर्स एनडीआरएफ (Airforce NDRF), फायर ब्रिगेड (fire brigade), एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें जुटी हुई हैं। अब तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज (culpable homicide case registered) किया गया है।
उड़ान-डेयर टू ड्रीम सम्मेलन में काशी से बोलीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल….
जाँच (investigation) के लिए कमेटी (committee) बना दी गई है। कंपनी पर 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज (criminal case registered) किया गया है। केबल ब्रिज 100 साल से ज़्यादा पुराना बताया जा रहा है। यह ब्रिटिश शासन (British rule) के दौरान बनाया गया था। राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश (Rishikesh) के राम-झूला (Ram-Jhula) और लक्ष्मण-झूला (Lakshman-Jhula) पुल की तरह झूलता हुआ सा नज़र आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे। इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रेनोवेशन (renovation) के बाद चालू किया गया था।
केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम का 3400 करोड़ से होगा कायाकल्प
यह पुल 7 महीने से बंद था। बताया जा रहा है कि फिटनेस सर्टिफिकेट (fitness certificate) लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था। ब्रिज पर घूमने आए लोगों को 17 रुपए का टिकट खरीदना होता था। वहीं, बच्चों के लिए 12 रुपए का टिकट अनिवार्य था। नगर पालिका चीफ ऑफ़िसर (Municipal Chief Officer) संदीप सिंह ने बताया कि कम्पनी ने रेनोवेशन खत्म किया है या नहीं किया इसकी जानकारी दिए बगैर ही ब्रिज छुट्टियों में शुरू किया गया और बहुत सारे लोग एक साथ भेजे गए थे तो उसकी वजह से यह हादसा (tragedy) हो गया।
BHU में ‘बीफ’ पर पूछा गया सवाल,शिक्षकों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग….