ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की पूजा के अधिकार के मामले की आज सुनवाई करेगी अदालत….
वाराणसी। वाराणसी (Varanasi) के फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi case) में सर्वे (survey) के दौरान मिले कथित शिवलिंग (Alleged Shivling) के पूजा-पाठ और उसे हिंदुओं को सौंपने की याचिका (petition) पर अदालत (court) ने आज आदेश दिया कि यह मामला सुनने योग्य है, यानी मेंटेनेबल (maintainable) है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intajamia Masajid Committee) ने ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत मेंटलएबिलिटी को लेकर अपनी दलील दी थी। अदालत ने उस पर कहा कि यह मामला सुना जा सकता है। अब इस मामले का ट्रायल चलेगा। यह मामला ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग से जुड़ा है। कथित शिवलिंग मिलने के बाद विश्व वैदिक सनातन संस्था (Vishwa Vedic Sanatan Sanstha) ने वाराणसी के फास्ट ट्रेक कोर्ट में एक अलग से याचिका दायर की थी।
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यह याचिका विश्व वैदिक सनातन संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विशेन की पत्नी किरण सिंह और अन्य ने दाखिल की थी। याचिका में माँग की गई है कि उन्हें मिले हुए कथित शिवलिंग के पूजा पाठ का अधिकार मिले। इसमें मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित (Entry of Muslims prohibited) हो और ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। इस मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत अदालत में अपना पक्ष रखा। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह मामला पोषणीय (maintainable) नहीं है, मेंटेनेबल नहीं है।