ATI NEWS
पड़ताल हर खबर की ...

BHU के एमफीथियेटर ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम “काशी तमिल संगमम” का आज PM मोदी ने किया उद्घाटन….

0

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वाराणसी (Varanasi) में महीने भर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ (Kashi Tamil Sangamam) का आज उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम बीएचयू (BHU) के एमफीथियेटर ग्राउंड (amphitheater ground) में आयोजित किया गया है। यहाँ पीएम मोदी जनसभा (public meeting) को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के साथ मंच पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel) व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Minister Dharmendra Pradhan) हैं।

सामाजिक सरोकार को निभाएं बैंक: प्रो.निर्मला एस. मौर्य….

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath temple) के पहले तमिल ट्रस्टी के. वेंकट रमना घनपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कार्यक्रम पहली बार आयोजित हुआ है, जिससे यहाँ आए तमिलनाडु (Tamilnadu) के लोग भी काफी खुश हैं। यह गंगा-कावेरी का संगम है। इससे काशी और तमिलनाडु का ज्ञान (knowledge), व्यापार (business) व संस्कृति (culture) का आदन-प्रदान होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ‘काशी-तमिल संगमम’ का आयोजन किया जा रहा है।

सांप्रदायिक सद्भाव से ही देश क़ी उन्नति संभव : कुलपति….

इससे दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम हो रहा है। सहस्त्राब्दियों पुराना संबंध फिर से नवजीवन पा रहा है। यह आयोजन आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को जीवित कर रहा है। काशी (Kashi) और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति (Indian tradition) के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं। शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने बताया था कि ‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जाएगा।

उत्तरकाशी में भीषण सड़क हादसा, खाई में गिरी अनियंत्रित कार, 5 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल….

इसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से तलाशना और उनका उत्सव मनाना है। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री के काशी दौरे से पहले वाराणसी में इसकी तैयारियों की समीक्षा करने पहुँचे थे। शिक्षा मंत्रालय ने बताया था कि इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने काशी तमिल संगमम का सफल आयोजन सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ बैठक की थी।

सांप्रदायिक सद्भाव से ही देश क़ी उन्नति संभव : कुलपति….

काशी तमिल संगमम का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अन्य मंत्रालयों जैसे कि संस्कृति, वस्त्र, रेल, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना व प्रसारण मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) के सहयोग से किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य इन दोनों ही क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और जीवन के अन्य क्षेत्रों के लोगों को एकजुट होने, अपने ज्ञान, संस्कृति व सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का अवसर प्रदान करना है।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस विशिष्ट आयोजन के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) दो कार्यान्वयन एजेंसियाँ हैं। छात्र, शिक्षक, साहित्य (Literature), संस्कृति (culture), शिल्प (craft), आध्यात्म (spirituality), विरासत (heritage), व्यवसाय (Business), उद्यमी (entrepreneur) व पेशेवर (professional) आदि सहित 12 श्रेणियों के तहत तमिलनाडु के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि वाराणसी के आठ दिवसीय दौरे पर जाएँगे। इसके तहत 200 छात्रों के प्रतिनिधियों के पहले समूह ने 17 नवंबर को चेन्नई (Chennai) से अपना दौरा शुरू किया था।

वोटिंग से पहले ही सुभासपा उम्मीदवार की ‘हार’….

Leave A Reply

Your email address will not be published.