फर्जी डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन कर रहे गिरोह पर डीएम ने की सख़्त कार्रवाई, दर्ज कराया मुकदमा….
जौनपुर। यूपी (UP) के जिला जौनपुर (Jaunpur) में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (Office of the Chief Medical Officer) में तैनात एक बाबू (clerk) व संविदा कर्मचारियों (contract employees) की मिलीभगत से चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का कारनामा सामने आया है। बता दें कि वाराणसी (Varanasi) के एक चिकित्सक के नाम पर एक और डायग्नोस्टिक सेंटर (Diagnostic centre) का संचालन जौनपुर में किया जा रहा था। मामले की शिकायत मिलने पर घटना को गंभीरता से लेते हुए डीएम मनीष कुमार वर्मा (DM Manish Kumar Verma) ने सीएमओ कार्यालय (CMO Office) के निवर्तमान लिपिक (outgoing clerk) सुधीर अस्थाना व संविदा पर तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर मनोज कुमार पर लाइन बाजार थाने (Line Bazar police station) में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
पुलिस मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों की गिरफ़्तारी (arrest) के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है। सीएमओ कार्यालय में तैनात दोनों कर्मचारियों पर रेडियोलॉजिस्ट (Radiologist) डॉक्टर गौरी कुमारी के नाम पर फर्जी महिला से मिलवाने व पैसा लेकर लाइसेंस (licence) बनवाने का आरोप है। जिले में इस तरह के दर्जनों पैथोलॉजी सेंटर (pathology centre) व अस्पताल (hospital) हैं, जो बिना जानकारी के डिग्री धारक के सीएमओ कार्यालय के कर्मचारियों की मदद से चल रहे हैं।
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मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने दोनों कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज (file a case) कर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ़्तार करने का आदेश दिया है। आपको बताते चलें कि कोतवाली थाना क्षेत्र (Kotwali police station area) के मुफ्ती मुहल्ला निवासी शीलू आब्दी ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया था कि वह खेतासराय (Khetasarai) में डायग्नोस्टिक सेंटर चलाती हैं। उसके सेंटर पर अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के लिए डॉ. गौरी कुमारी पंजीकृत हैं, जो एमडी (MD) हैं। उनसे सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबू ने मिलवाया था।
पंजीकरण (registration) के बाद कुछ दिनों तक सेंटर ठीक से चला। इसके बाद चिकित्सक बिना बताए कहीं चलीं गईं। उनका फोन नंबर भी बंद हो गया। जब उन्होंने आधार कार्ड (Adhaar card) से महिला का मिलान किया तो पता चला कि बाबू ने जिससे मिलवाया था वो डॉ गौरी नहीं थीं। लिहाज़ा, उनको अपना केंद्र बंद करना पड़ा। आरोप (allegation) है कि इसी तरह के एक मामले में इससे पूर्व भी उक्त बाबू द्वारा फर्जी डिग्री के सहारे कई फर्जी डायग्नोसिस सेंटर चलाने का लाइसेंस जारी कराया गया था, जो मामला काफी तूल पकड़ा था। लेकिन बाबू की लंबी पहुँच के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
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घटना के संबंध में जानकारी देते हुए सिटी मजिस्ट्रेट (City megistrate) देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि युवक ने शिकायत पत्र (complaint letter) देकर कहा है कि सीएमओ ऑफ़िस में तैनात बाबू सुधीर अस्थाना और यादव द्वारा फर्जी तरीके से रेडियोलॉजिस्ट के नाम से हमारे डायग्नोस्टिक सेंटर का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। जिसे अब हम बंद कर रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए। वहीं जिस महिला के नाम से सेंटर संचालित हो रहा है, उसने अपना सेंटर जब लखनऊ (Lucknow) में खोलना चाहा तो उसे पता चला कि जौनपुर में इस नाम से सेंटर चल रहा है। महिला ने भी शिकायत की थी, जिसको लेकर दोनों लोगों को थानाध्यक्ष लाइन बाजार को गिरफ़्तार करने का आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।
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