जौनपुर नगर पालिका का 1995 से 2017 तक का स्वर्णिम इतिहास….
जौनपुर में नगरपालिका परिषद के स्वर्णिम इतिहास पर नज़र डालें तो कुछ बेहद चैंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं। जिसमे एक तथ्य यह भी है कि जौनपुर का शहरी मतदाता जातिवाद की जकड़ से हमेशा दूर रहा है।आज़ादी के बाद पहले अध्यक्ष ठाकुर रामलगन सिंह से लेकर वर्तमान अध्यक्ष माया टण्डन तक कि जाति शहर में न के बराबर रही , फिर भी जनता ने उन्हें शहर के प्रथम नागरिक की कुर्सी पर बिठाया।
जौनपुर नगरपालिका का इतिहास बेहद पुराना है। अंग्रेज़ी हुकूमत में इसका गठन हुआ था।आज़ादी के बाद 1948 में राम लगम सिंह पहले अध्यक्ष चुने गए। स्वर्गीय रामलगन सिंह बाद में एमएलसी और ज़िला पंचायत अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए। सन 1953 से 57 तक बलदेव और 57 से 59 तक रामेश्वर प्रसाद सिंह अध्यक्ष चुने गए।यदुनाथ राय 59 से 60 तक और शिवनारायण सिंह सन 60 से 61 तक नगरपालिका के अध्यक्ष रहे।
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रामनारायण बैंकर, जयराम मौर्य और दीनानाथ खन्ना भी नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे लेकिन इन तीनो अध्यक्षों का कार्यकाल 2 से 4 महीने ही रहा। सन 1967 से 69 तक मायाशंकर श्रीवास्तव ,69 से 72 तक सन्तसेवक लाल और 89 से 94 तक सीताराम यादव शहर के प्रथम नागरिक चुने गए। ग़ौर तलब है कि 1994 तक नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा न होकर सभासदों द्वारा होता था। ठीक वैसे ही जैसे ज़िला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव ज़िला पंचायत सदस्यों द्वारा किया जाता है।
1995 में पहली बार अध्यक्ष चुनने का मौक़ा सीधे जनता को मिला और जनता ने संध्या रानी श्रीवास्तव को चुना। सन दो हज़ार से 2017 तक दिनेश टण्डन और 2017 से वर्तमान श्री टण्डन की पत्नी माया टण्डन नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं।
खुर्शीद अनवर खान