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मध्यप्रदेश‌ के 88 वर्षीय बुजुर्ग हुए राहुल गाँधी की यात्रा में शामिल, नौजवानों को इससे मिल रही और भी ऊर्जा….

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मध्यप्रदेश। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी (Congress leader Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) राजस्थान (Rajasthan) में अपने आखिरी पड़ाव पर है जहाँ राहुल सैकड़ों भारतीय यात्रियों (Indian travelers) के साथ पिछले 103 दिन में हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं। यात्रा में राहुल गाँधी के साथ चलने वालों में उम्र की तमाम चुनौतियों का सामना करने वालों से लेकर उत्साही बचपन और युवा जोश शामिल है। यात्रा में 8 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग राहुल के साथ कदमताल कर रहे हैं। वहीं बीते दिनों आपने यात्रा के दौरान लाठी लिए एक बुजुर्ग को पैदल चलते देखा होगा जिनकी राहुल गाँधी के साथ भी कई फोटो वायरल (photo viral) हुए हैं। यह शख्स हैं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी (Sidhi) के रहने वाले 88 वर्षीय करुणा प्रसाद मिश्रा (Karuna Prasad Mishra) जो एक हाथ में छड़ी तो दूसरे हाथ में तिरंगा (Tiranga) लिए हज़ारों मीलों का सफ़र हर दिन तय कर रहे हैं।

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मिश्रा वर्तमान समय के हालातों और अपनी उम्र के साथ लिए राजनीतिक इतिहास (political history) की निरंतरता को चिह्नित करते हुए फौलादी इरादों के साथ चल रहे हैं। करूणा प्रसाद भारत जोड़ने के मंत्र के साथ एमपी (MP) के उज्जैन (Ujjain) से राहुल गाँधी की अगुवाई वाली यात्रा में शामिल हुए और कश्मीर (Kashmir) के लाल चौक (Lal Chowk) पर तिरंगा फहराने के एकमात्र संकल्प के साथ पैदल चल रहे हैं। मिश्रा ने दक्षिण (South) से लेकर हिंदी पट्टी (Hindi Patti) के राज्यों में मौसम (weather) की तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों में भी लगातार सफर पैदल तय किया है।

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मिश्रा कहते हैं कि मैंने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple) में संकल्प लिया कि मैं कश्मीर तक यात्रा करूँगा और जब मैंने यात्रा में चलने का फैसला किया तो कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मेरी उम्र को देखते हुए मुझे एक कार में बैठकर चलने के लिए कहा लेकिन मैंने मना कर दिया। मिश्रा के मुताबिक, वह श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने तक यात्रा करेंगे और इसके बाद पूर्व (East) से पश्चिम (West) तक की एक और यात्रा के संकल्प (resolution) के लिए वह प्रतिबद्धता जाहिर करते हैं। करूणा प्रसाद मिश्रा यात्रा के दौरान हज़ारों युवाओं (thousands of youth) के लिए इन दिनों प्रेरणास्रोत (Source of inspiration) बने हुए हैं। यात्रा के दौरान वह राहुल गाँधी के आगे अपनी छड़ी लेकर चलते रहते हैं।

बीते दिनों राहुल गाँधी ने भी यात्रा के दौरान कई बार उनसे मुलाकात की है। वहीं मिश्रा यात्रा पूरी होने के बाद भारत जोड़ो यात्रा के कैंप में बनी लाइब्रेरी (library) में भी समय बिताते हैं। वहीं करुणा प्रसाद मिश्रा का कहना है कि वह कांग्रेस के पुराने योद्धा हैं, जो 60 से अधिक सालों से पार्टी से जुड़े हुए हैं। मिश्रा कहते हैं कि मुझे इसकी आदत है, मैं 1935-36 में जबलपुर (Jabalpur) से इलाहाबाद (Allahabad) तक महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) के साथ चला था। मैं नेहरू और विनोबा भावे (Vinoba Bhave) के साथ भी यात्रा कर चुका हूँ। गाँधी टोपी पहने, हाथ में तिरंगा और आंखों में ख़्वाब सजाए मिश्रा का कहना है कि राहुल गाँधी की इस यात्रा और उनके विचारों ने अब उनमें नई उम्मीद जगाई है।

उन्होंने कहा कि वह देश में बढ़ती असहिष्णुता (Intolerance) से परेशान हैं और इसलिए उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ पदयात्रा (hiking) करने का फैसला किया है। बता दें कि मिश्रा के परिवार ने राजस्थान में कोटा (Kota) की यात्रा की और उनसे वहाँ से घर लौटने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वहीं हाल में 16 दिसंबर को यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर वह जयपुर (Jaipur) में एक संगीत कार्यक्रम (music program) के दौरान राहुल गाँधी के पास बैठे दिखाई दिए जहाँ ठंड लगने पर राहुल ने उन्हें अपना शॉल दिया।

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