यूपी सरकार ने आशीष मिश्रा को जमानत देने का किया विरोध….
यूपी सरकार की ओर से पेश AAG गरिमा प्रसाद ने कहा कि ये गंभीर अपराध है। ऐसे केस में अगर आरोपी (आशीष मिश्रा) को जमानत दी जाती है तो समाज में ग़लत संदेश जाएगा। अभी तक दूसरे पक्ष ऐसे कोई फोटो नहीं दे पाया है, जिससे स्पष्ट हो जाए कि आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद नहीं था, बल्कि वो दंगल स्थल पर मौजूद था। पुलिस चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि आशीष मिश्रा घटनास्थल से भागा था.लेकिन यह ऐसा चरण है,जहां आरोप तय हो चुके हैं।
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चार्जशीट दायर हो चुकी है। ट्रायल कोर्ट कह रहा है कि 5 साल लगेंगे मामले में पूरी सुनवाई करने में आशंका है, कि अगर सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत नहीं मिलेगी तो किसी और अदालत से भी ज़मानत नहीं मिल पाएगी। अगर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप साबित नहीं हुआ है इस घटना में वाहन से कुचले जाने पर चार किसान औऱ एक पत्रकार की मौत हुई थी। जबकि तीन लोग प्रदर्शनकारियों की पिटाई के दौरान मारे गए थे. इस घटना में 10 लोग घायल हुए थे। ये प्रदर्शनकारी वहां तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे।
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