आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली…..
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत मिश्रा और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने 25 जनवरी को ये फैसला सुनाया। लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलकर मारने के आरोपी आशीष मिश्रा को SC ने कुछ शर्तों के साथ अंतरिम ज़मानत दे दी है। आठ हफ्ते के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त ज़मानत दी है। जमानत अवधि के दौरान आशीष मिश्रा यूपी या दिल्ली में नहीं रहेगा। जमानत मिलने के हफ्ते के अंदर उसे यूपी छोड़ना होगा। अदालत ने कहा, वो जहां रहेगा, उसकी पूरी जानकारी देनी होगी। सिर्फ ट्रायल कोर्ट की सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए वो उत्तर प्रदेश आ सकता है। जमानत याचिका के विरोध में सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने भी कहा कि जमानत देने से समाज में गंभीर संदेश जाएगा। दवे के अनुसार, यह सोची समझी साजिश के तहत सुनियोजित हत्याकांड था। चार्जशीट यह बात साबित करती है। वो एक प्रभावशाली शख्स का बेटा है और प्रभावशाली वकील उनकी पैरवी कर रहा है। वहीं आशीष मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दवे की दलील का कड़ा विरोध किया। कोर्ट के अनुसार, ज़मानत के दौरान आशीष मिश्रा जहां भी रहे वहां के स्थानीय पुलिस थाने में हाजिरी लगानी होगी।
बागेश्वर बाबा को चुनौती देने वाले श्याम मानव को मिली जान से मारने की धमकी, सरकार ने बढ़ाई सुरक्षा…..
आशीष मिश्रा को निचली अदालत की सुनवाई में मौजूद रहना होगा। अगर जानबूझकर मुकदमे को लटकाने की कोशिश होती है तो भी बेल खारिज हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से गवाहों की गवाही के बारे में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट 14 मार्च को मामले की सुनवाई करेगा.उस वक्त प्रदर्शनकारी किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की रैली का विरोध कर रहे थे। यूपी पुलिस की एफआईआर के अनुसार, 4 किसानों को थार एसयूवी ने कुचला था, इसमें आशीष मिश्रा भी बैठा था। किसानों को कुचलने की घटना के बाद नाराज किसानों ने कथित तौर पर एक ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
लखनऊ बिल्डिंग हादसे में सपा नेता के बेटे और यजदान बिल्डर्स पर FIR…..