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EV सेक्टर में बाहुबली बनेगा भारत, मूडीज की रिपोर्ट में दिखे इंडस्ट्री पर राज करने के संकेत…..

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सरकार के प्रोत्साहन, स्थानीय स्तर पर बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग, राज्यों के स्तर पर सब्सिडी और GST दरों में कटौती से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी। मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा कार बाजार है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की पैठ अभी सिर्फ एक प्रतिशत है। रिपोर्ट कहती है कि सरकार का 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच बढ़ाने का लक्ष्य चार्जिंग ढांचे और उपभोक्ताओं के परंपरागत पेट्रोल, डीजल वाहनों से इलेक्ट्रिक की ओर स्थानांतरित होने के रुख पर निर्भर करेगा। मूडीज ने कहा कि हमारा मानना है कि सरकार की विभिन्न पहल से देश में ईवी की पहुँच बढ़ेगी।

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इनमें उपभोक्ताओं को दिया जाने वाला प्रोत्साहन भी शामिल है। इसके अलावा एडवांस बैटरी स्टोरेज के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन, जीएसटी में कटौती और राज्यों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी जैसे कारक भी ईवी की पहुंच बढ़ाने में मदद करेंगे। भारत 2022 में जापान को पीछे छोड़कर चीन और अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि यदि भारत हाल में जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार का उपयोग कर लेता है, तो वह इलेक्ट्रिक वाहन के सेक्टर में भारत को दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने वाली बैटरी बनाने में लिथियम एक महत्वपूर्ण तत्व है।

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सरकार का 2030 तक निजी कारों के 30 प्रतिशत, कमर्शियल वाहनों के लिए 70 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत ईवी बिक्री का लक्ष्य है। मूडीज ने कहा कि टाटा मोटर्स 85 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अप्रैल-दिसंबर 2022 में बैटरी ईवी बाजार में सबसे आगे है। मूडीज ने कहा कि 165 शहरों में 250 डीलरों के माध्यम से उपस्थिति और करीब 4,300 चार्जिंग पॉइंट के साथ कंपनी पहले ही 50,000 ईवी बेच चुकी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से चार्ज करने वाले 7,432 चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम कंपनियों के लिये 800 करोड़ रुपये मंजूर किये थे।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग और उसे अपनाने में तेजी लाने की योजना (फेम) के दूसरे चरण के तहत यह राशि दी गई थी। मंत्रालय ने पहली किस्त के तहत 560 करोड़ रुपये यानी कुल राशि का 70 प्रतिशत तीन कंपनियों इंडियन ऑयल (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) को जारी किया था। इस राशि के जरिये ये कंपनियां अपने-अपने पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये चार्जिंग स्टेशन लगाएंगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, चार्जिंग केंद्र लगाये जाने का काम मार्च 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है। फिलहाल, देशभर में 6,586 चार्जिंग स्टेशन हैं।

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