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ममता ने पहले कहा- ‘साथ दूंगी’, पर अब सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह से बना ली दूरी…..

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बेंगलुरु। कर्नाटक में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दूरी बना ली है। ममता बनर्जी कर्नाटक नहीं जाएंगी, वह अपने प्रतिनिधि को भेजेंगी। बता दें कि कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में अपनी बड़ी जीत के बाद सीएम के शपथ ग्रहण समारोह से विपक्षी एकता की चमकती तस्वीर दिखाना चाहती थी। लेकिन अब ममता के इस समारोह में शामिल नहीं होने से कांग्रेस के इस प्लान को झटका लग गया है।

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वहीं, सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण में बिहार के सीएम नीतीश कुमार शामिल होंगे। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी नीतीश के साथ बेंगलुरु जाएंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि कर्नाटक के बाद अब बीजेपी बिहार में डरी है। तृणमूल के नेता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने वाले सिद्धरमैया और उनके अन्य साथियों ने तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया।

उन्होंने (ममता ने) अपनी शुभकामनाएं दीं और लोकसभा में तृणमूल की उपनेता कोकिला घोष दस्तीदार से इस समारोह में शामिल होने को कहा।’’ आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने ममता बनर्जी का ऑफर ठुकरा दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के फॉर्मूले को सिरे से खारिज कर दिया था। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी ने अपना मन बदला था। ममता ने कहा था कि वो कांग्रेस के समर्थन कर सकती हैं बशर्ते कांग्रेस भी उन जगहों पर समर्थन करे जहां दूसरी पार्टियां मज़बूत हैं।

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कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने ममता के इस ऑफर को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार करने में मुख्यमंत्री की अनिच्छा वास्तव में कांग्रेस के बारे में उनकी वास्तविक धारणा को मान्य करती है। ममता ने कहा था, शुरुआत से मैं कह रही थी कि संबंधित क्षेत्रों में ताकत रखने वाले दलों को वहां सीधे भाजपा का मुकाबला करना चाहिए जैसे दिल्ली में आप, बिहार में राजद-जेडीयू, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस। हमने कर्नाटक में कांग्रेस का समर्थन किया था, अब उन्हें पश्चिम बंगाल में भी हमारे साथ वैसा ही करना चाहिए।

यह सही नहीं है कि कर्नाटक में वे हमारे समर्थन का आनंद लेंगे और पश्चिम बंगाल में हमारा विरोध करेंगे। हालांकि, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक में कांग्रेस को समर्थन देने के उनके दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। चौधरी ने कहा था, हम बंगाल में ही क्यों, जहां जरूरत पड़ेगी वहां TMC के खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने कहा था, वह कर्नाटक में भाजपा को वोट नहीं देने का नारा बुलंद करने का दावा कर रही हैं। लेकिन उन्होंने एक बार भी कर्नाटक के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की? पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

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