Developed by CLOUDi7
जौनपुर। मुंबई से जौनपुर व आस-पास के अन्य जिलों में आए लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत सामने आई है और वह यह है कि उन्हें वापस महानगर लौटने के लिए अब टिकट ही नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, शादी के चलते भारी मात्रा में लोग मुंबई से अपने-अपने घरों के लिए आए थे मगर अब दिन-रात लाइन में खड़े होने के बावजूद टिकट के लिए परेशान हो रहे हैं। यहाँ तक कि लोगों को तत्काल टिकट लेने के लिए भी पूरे दिन मशक्कत करनी पड़ रही है।
मुंबई में छोटी-मोटी नौकरी करने वालों की दशा दिन-प्रतिदिन खराब ही होती चली जा रही है। टिकट लेने के लिए भंडारी स्टेशन पर बदलापुर गाँव से आए श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि वह अपनी बहन की शादी के लिए घर आए थे मगर अब लंबे समय से काम बंद होने के कारण पैसों की तंगी होने लगी है। और वापस लौटने के लिए ट्रेन में एक भी टिकट नहीं मिल पा रही है जिससे परेशानी बढ़ती ही जा रही है।
आईए , जुडि़ए और दिखाईए पूरी दुनिया को अपना जौनपुरिया अंदाज ।
इस साल की अंतिम शाम होगी आपके नाम ” जश्न ए जौनपुर “
इस शो में जुड़ने के लिए कृपया इस फार्म को भरें ।
वहीं टिकरी गाँव निवासी राम सेवक भी भंडारी स्टेशन पर तत्काल कोटे का टिकट लेने आए थे, वह मुंबई में एक फल की दुकान लगाते हैं और बहुत दिनों से दुकान बंद होने के कारण लगातार घाटा सह रहे हैं। उन्होंने बताया कि तत्काल कोटे के टिकट के लिए रात भर स्टेशन पर लाइन लगानी पड़ती है। आरपीएफ के जवान सभी यात्रियों का नाम लिखते हैं और फ़िर फ़ोटो खींचते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के बाद भी यह निश्चित नहीं होता है कि लाइन में खड़े हर व्यक्ति को टिकट मिल ही जाएगा। अक्सर करके लाइन में लगे केवल पहले और दूसरे व्यक्ति को ही टिकट मिल पाता है।
किस ट्रेन में कब तक नहीं मिल सकेगा टिकट और किसका बदला है समय ?
आपको बता दें कि बांद्रा गाजीपुर ट्रेन में 20 जनवरी तक, गोरखपुर कुर्ला काशी एक्सप्रेस में 30 जनवरी तक, वाराणसी मुंबई रत्नागिरि एक्सप्रेस में 30 जनवरी तक और जौनपुर जंक्शन से होकर जंघई के रास्ते कुर्ला जाने वाली गोदान एक्सप्रेस में 20 जनवरी तक सभी टिकट बुक है। वाराणसी से जंघई के रास्ते मुंबई जाने वाली कामायनी एक्सप्रेस में भी 10 जनवरी तक सभी सीटें फुल हैं। सीटें फुल होने के साथ ही साथ सुहेलदेव और अन्य दो ट्रेनों की समय सारिणी भी बदली गई है जिससे यात्रियों को बहुत सी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है।