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7 लाख की फ़िरौती माँगकर यूकेजी में पढ़ रहे मासूम बच्चे की अपहरणकर्ताओं ने मफ़लर से गला घोंटकर कर दी हत्या
जौनपुर। जिले के शाहगंज क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना से स्थानीय लोगों में दहशत सी हो गई है। मामला कुछ इस तरह है कि शाहगंज नगर के अयोध्या मार्ग पर बैंकर्स कॉलोनी में रहने वाले दीपचंद यादव एक पैथोलॉजी सेंटर चलाते हैं जो कि बीबीगंज में स्थित है। वह पिछले दो वर्षों से ही यहाँ अपने परिवार के साथ रहने के लिए आए थे। उनके 7 साल व 1 साल के दो बेटे ही हैं जिसमें बड़ा बेटा अभिषेक साउथ इंडियन स्कूल में यूकेजी का छात्र है। कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण स्कूलों की छुट्टी होते ही दीपचंद ने अभिषेक को पास की ही सोसाइटी में एक महिला के घर ट्यूशन करने के लिए भेज दिया करते थे जिससे उसकी पढ़ाई का नुकसान न हो।
शनिवार की सुबह जब मासूम बच्चा अपनी क्लासेज़ के लिए जा रहा था तो रास्ते में उसे शिवम मिला जो उसके घर के ही पास रहता है और हमेशा अभिषेक के यहाँ भी उसका आना जाना लगा रहता है। वह आइटीआई का छात्र है व कुछ समय पहले उस बच्चे को ट्यूशन भी पढ़ाता था। उसने अभिषेक को टॉफ़ी दिलाने के बहाने अपनी बाइक पर बैठाया और क्षेत्र से थोड़ी दूर पर ले जाकर एक टंकी के अंदर बंद कर दिया।
शिवम के साथ इस घटना को अंजाम देने के लिए उसका एक मित्र भी साथ में मौजूद था। जब बच्चे ने शोर मचाना शुरू कर दिया तो उन्होंने उसे चुप कराने के लिए उसका गला अपने मफ़लर से घोंटना शुरू कर दिया और उस मासूम को यह दर्द बर्दाश्त नहीं हो सका व उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। उसकी साँसें जब रूकने लगीं तो दोनो दोस्त घबरा गए और अपनी जान बचाने के लिए अपना मोबाइल वहीं तोड़कर भाग गए।
वहाँ से थोड़ी दूर जाकर उन्होंने एक नया मोबाइल ख़रीदा व उससे अभिषेक के पिता दीपचंद को उनके बच्चे की फ़िरौती के बदले 7 लाख रुपए देने के लिए मैसेज किया। अभिषेक के इतनी देर तक घर न पहुँचने पर परिवार वाले पहले से ही बहुत चिंतित थे और अपहरणकर्ताओं के इस मैसेज ने तो समझो उनकी जान ही निकाल दी। परिजनों ने फ़ौरन ही इस घटना की सूचना पुलिस को दी और जल्द से जल्द कार्यवाही करने की माँग की।
पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए छानबीन शुरू की तो देर रात मासूम अभिषेक की लाश उन्हें खुटहन थाना क्षेत्र के जमुनिया गाँव के पास से बरामद हुई। मौत की ख़बर सुनते ही जैसे पूरे नगर में कोहराम सा मच गया। परिजनों का तो रो-रोकर इतना बुरा हाल है कि उन्होंने अपनी सुध-बुध ही खो दी है।
पुलिस अधिकारियों ने इस बात पर बहुत ही शोक जताते हुए कहा कि समय रहते घटना की जानकारी न मिल पाने के कारण वह मासूम अभिषेक को बचा नहीं सके। खोजबीन के बाद पुलिस ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने वाले शिवम व उसके मित्र ही हैं। अतः उन्हें हिरासत में ले लिया गया है और उनके ख़िलाफ़ सारे सबूतों के मिलने के बाद उचित दंड दिया जाएगा।