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जानिए कैसे होगा राममंदिर का भूमिपूजन, पीएम मोदी के साथ कौन-कौन सी हस्तियां होंगी शामिल??
राधा सिंह। 22/07/2020

अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर अभी से ही भव्य तैयारियां शुरू हो गयी हैं। मगर हर किसी के जेहन में एक सवाल सबसे ज्यादा बना हुआ है कि आखिर रामनगरी में भगवान राम के मंदिर का शिलान्यास किस तरह होगा और इसमें किन किन हस्तियों को शामिल किया जाएगा। तो आइए आपको रूबरू कराते हैं। प्रभु श्रीराम के मंदिर के भूमि पूजन की भव्य तैयारियां से। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे।
इस कार्यक्रम की सबसे खास बात ये है कि राममंदिर आंदोलन से जुड़े सभी नेताओं, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और संघ के बड़े पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जाएगा। कुल 200 हस्तियों को निमंत्रण भेजा जाएगा। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके इसलिए पीएम के साथ सिर्फ 50 लोगों को ही पूजन की अनुमति होगी। अयोध्यावासियों को भूमि पूजन कार्यक्रम देखने के लिए यहां की हर गली और प्रमुख क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाने की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने बताया है कि राम मंदिर शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कई राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों को बुलाया जाएगा।
राममंदिर आंदोलन के वाहक रहे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी रितंभरा के अलावा आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत, देश के प्रमुख संत, देश के गृहमंत्री अमित शाह,रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, अलग अलग प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा विपक्ष के कुछ नेताओं सहित करीब 200 हस्तियों को आमंत्रण भेजा जाएगा। तो वहीं सुरक्षा कारणों और सोशल डिस्टेसिंग के नियमों के पालन के तहत शिलान्यास के मुख्य कार्यक्रम में सिर्फ 50लोगों को ही शिरकत करने की इजाजत होगी। नगरवासियों को कार्यक्रम देखने के लिए पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे और टीवी की व्यवस्था होगी।

आइए अब एक नज़र भगवान राम के मंदिर की खासियत पर डालते हैं।
दरअसल रामंदिर का नक्शा 37 साल पहले बना था। मंदिर को और अधिक भव्य और बड़ा बनाने के लिए अब इसमें थोड़ा बदलाव होगा। शनिवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद अब मंदिर के तीन शिखरों को बढ़ाकर 5 कर दिया गया है।मंदिर निर्माण का एरिया 47, 000 वर्गफीट से बढ़ाकर 57,000 वर्गफीट और ऊंचाई 148 फीट से बढ़ाकर 161 फीट कर दी गई है। 33फीट ऊंचाई होने से अब दो मंजिल की जगह मंदिर तीन मंजिला होगा। पूरे मंदिर में 318 स्तंभ होंगे और हर तल पर 106 स्तंभ बनाए जाएंगे। प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्तियां होगीं। 24 दरवाजों का चौखट होगा। हर खंभे में 16 मूर्तियां लगाई जाएंगी।
गर्भगृह और सिंहद्वार के नक्शे में कोई बदलाव नहीं होगा। राम मंदिर का अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्य मंडप और रंग मंडप को छोड़कर बाकी सभी हिस्से का नक्शा बदला जाएगा। मंदिर परिसर के चारों कोनों पर सीता जी, लक्ष्मण जी, भरत जी और गणेश जी के चार मंदिर बनेंगे। राम मंदिर मॉडल तैयार करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा के दोनों बेटे निखिल और आशीष सोमपुरा मंदिर के नक्शे में बदलाव पर काम करेंगे। 3 से साढ़े 3 साल के बीच निर्माण का काम पूरा होगा। राम मंदिर का मॉडल विश्व हिंदू परिषद के आइडिया पर आधारित है। सुप्रीम कोर्ट से 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के समक्ष अब तक के भव्य मंदिर की मांग पहुंची।
संतों ने राम मंदिर के विस्तार की भी बात की, इसलिए मंदिर के नक्शे में बदलाव किया गया। 5 अगस्त को भूमि-पूजन अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.30 बजे किया जाएगा। क्यों कि अभिजीत मुहूर्त में ही भगवान राम का जन्म हुआ था। ताम्र कलश में गंगाजल और अन्य तीर्थों का जल लाकर पूजा की जाएगी। 3 अगस्त से पूजा-पाठ का काम शुरू हो जाएगा। लगभग 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला का पूजन होगा। साढ़े 3 फीट गहरे गड्ढे में 5 चांदी की ईंट रखी जाएंगी। जो 5 नक्षत्रों की प्रतीक होंगी।
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उधर उपनगरी नव्य अयोध्या, सरयू की कछार में सीता झील का निर्माण, सआदतगंज से अयोध्या के बीच 13 किलोमीटर फोरलेन और अयोध्या से गोरखपुर तक सिक्स लेन की परियोजनाओं का खाका योगी सरकार ने तैयार किया है। इन सभी का शिलान्यास पीएम मोदी के हाथों ही होना है। तो ये हैं प्रभु श्री राम के मंदिर के भूमिपूजन की तैयारियां और खासियत हैं।
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