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जानिए भारत के किस कदम से नेपाल की रिफाइनरियों की टूटी कमर??
जानिए भारत के किस कदम से नेपाल की रिफाइनरियों की टूटी कमर??
राधा सिंह। 23/07/2020

नेपाल की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा भारत के रहमोकरम पर चल रहा है। अब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली चीन की धुन पर नाच रहे हैं और उसके कहने पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में भारत ने नेपाल को एक छोटा झटका दिया तो वो लड़खड़ा कर गिर पड़ा और अब वहां की इंडस्ट्री को पता चल गया कि चीन से रिश्वत खाकर ओली नेपाल का सर्वनाश करने पर तुले हैं। नेपाल की भारत विरोधी गतिविधियों से खफा हिंदुस्तान ने नेपाल से होने वाले रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर रोक लगा दी है।
इसका नतीजा ये निकला कि नेपाल की खाद्य तेल रिफाइनरीज पर संकट का भूचाल आ गया है। भंडार भरने के कारण रिफाइनरीज में काम बंद हो गया है। यह जानकारी पाम इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने दी है। भारत, नेपाल के रिफाइंड पाम ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार है।बता दें कि पड़ोसी देशों से ड्यूटी फ्री शिपमेंट में कमी लाने के लिए भारत सरकार ने मई में 39 तेल आयात लाइसेंस सस्पेंड किए थे। इससे नेपाल की रिफाइनरीज में गड़बड़ हो गई है। रॉयटर्स से बातचीत में नेपाल की एक रिफाइनरी के डायरेक्टर अमित शारदा ने कहा कि अब हम कच्चे पाम ऑयल का आयात नहीं कर रहे हैं।
लेकिन हमें स्टॉक की डिलिवरी करनी है। इसकी प्रक्रिया जारी है। शारदा ने कहा कि नेपाल में इस समय 70 हजार टन से ज्यादा पाम ऑयल का भंडार हो गया है जो स्थानीय खपत से काफी ज्यादा है। रिफाइनरीज में काम ना होने के कारण नेपाल के कच्चे पाम ऑयल आयात में भारी गिरावट आई है। नेपाल के सरकारी डाटा के मुताबिक, जून मध्य से अब तक केवल 7 हजार टन कच्चे पाम ऑयल का आयात हुआ है। इससे पहले 2020 में हर महीने करीब 21 हजार टन कच्चे पाम ऑयल का आयात होता था।
नेपाल के कुल रिफाइंड पाम ऑयल कारोबार में से दो-तिहाई ऑयल का निर्यात भारत को होता है। जमीन को लेकर भारत और नेपाल के बीच तनाव के बाद व्यापार पर भी असर पड़ा है। बता दें कि भारत की ओर नेपाल के खिलाफ उठाया गया ये एक छोटा सा कदम है और इसे नेपाल के लिए चेतावनी कहा जा सकता है। आने वाले समय में अगर नेपाली पीएम ओली भारत के खिलाफ अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो बड़ा खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें।