Developed by CLOUDi7
रजनीकांत को मिलेगा दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड.. जानिए फिल्मों में कैसे किए अपने करियर की शुरुआत
देश के जाने माने फिल्म अभिनेता रजनीकांत अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर भारतीय सिनेमा में छाए रहे। साउथ की फिल्मों से अपना करियर शुरू करने वाले सुपरस्टार रजनीकांत बॉलीवुड में भी सुपरहिट फिल्में दे चुके हैं ।आज भी 70 साल की उम्र में फिल्मों में लीड रोल कर रहे हैं। मनोरंजन की दुनिया में उसके महान योगदान को देखते हुए उन्हें इस साल के प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड माना जाता है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ट्विट कर इसकी जानकारी दी है।
प्रकाश जावड़ेकर ने अपने एक ट्विट में कहा कि यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि 2019 के लिए दादासाहेब फाल्के का पुरस्कार भारतीय सिनेमा के इतिहास के महान अभिनेता रजनीकांत को दिया जा रहा है. एक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर के रूप में उनका योगदान प्रतिष्ठित है।
Happy to announce #Dadasaheb Phalke award for 2019 to one of the greatest actors in history of Indian cinema Rajnikant ji
His contribution as actor, producer and screenwriter has been iconic
I thank Jury @ashabhosle @SubhashGhai1 @Mohanlal@Shankar_Live #BiswajeetChatterjee pic.twitter.com/b17qv6D6BP
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 1, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दादासाहेब फाल्के पुरस्कार रजनीकांत को दिए जाने पर अभिनेता को शुभकामनाएं दी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा- “कई पीढ़ियों में मशहूर, विभिन्न भूमिकाएं और एक स्थायी व्यक्तित्व… रजनीकांत जी यह सभी आपके लिए है। यह बेहद खुशी की बात है कि थलाइवा को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं.”
क्या ठाकुर तिलकधारी सिंह के नाम पर होना चाहिए इस मार्ग का नाम
रजनीकांत ने 1975 में के बालाचंदर की फिल्म ‘अपूर्व रागंगल’ के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. रजनीकांत के कॉलीवुड इंडस्ट्री में 46 साल पूरे हो चुके हैं। रजनीकांत को पिछली बार एआर मुरुगादास की फिल्म ‘दरबार’ में देखा गया था। फिलहाल, वह अपनी आगामी फिल्म ‘अन्नाट्टे’ की शूटिंग में व्यस्त हैं।
रजनीकांत का बचपन मुश्किलों से भरा रहा है। बचपन में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। रजनीकांत की असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था। यही शिवाजी राव आगे चलकर रजनीकांत बने।रजनीकांत पांच साल के थे तभी उनकी मां का निधन हो गया। मां के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर आ गई। रजनीकांत के लिए भी घर चलाना इतना आसान नहीं था। उन्होंने घर चलाने के लिए कुली तक का काम किया।
रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। रजनीकांत ने तमिल फिल्म इंडस्ट्री में बालचंद्र की फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ से एंट्री ली थी. इस फिल्म में कमल हासन और श्रीविद्या भी थे। रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे।
रजनीकांत को ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार चल रहा है। तो ऐसे में राजनीति भी शुरू हो गई है। इसे लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। विपक्षियों का कहना है कि ऐसा कर बीजेपी अपने लिए वोट बटोरने की कोशिश में लगी है, क्योंकि दक्षिण भारत में सुपरस्टार रजनीकांत के फैंस की तादाद काफी ज्यादा है।
मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि 2019 का दादासाहेब फ़ाल्के अवार्ड रजनीकांत को मिला है।
5 सदस्यों की ज्यूरी @ashabhosle @SubhashGhai1 @Mohanlal @Shankar_Live #BiswajeetChatterjee ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 1, 2021
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन खबरों को दरकिनार किया है। उन्होंने कहा कि रजनीकांत को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने का फैसला 5 सदस्यों की ज्यूरी ने किया है। इस ज्यूरी में विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन, आशा भोंसले, मोहनलाल और सुभाष घई शामिल हैं। इस ज्यूरी के सर्वसम्मति से रजनीकांत को यह पुरस्कार दिया जा रहा है।