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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, इस तरीके से होंगी सभी यूनिवर्सिटीज की परीक्षाएँ
– शुभेंद्र धर द्विवेदी | 18/07/2020

देश भर में लॉकडाउन के चलते बाधित हुई शिक्षा व्यवस्था और परीक्षाओं को लेकर काफी दिन से चर्चा चल रही है जिस पर देश का मानव संसाधन मंत्रालय और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिसन (UGC ) की ओर से गाइड लाइन जारी की गई है। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में यूजीसी की गाइडलाइन को लागू कर दिया है । जिसके तहत अब फाइनल ईयर और फाइनल सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन होंगी, जिसका फैसला संबंधित विश्वविद्यालय करेंगे। उपमुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने प्रेस काॅन्फ्रेंस के जरिए सरकार के फैसले की घोषणा कर दी है।
प्रेस कांफ्रेंस में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यूजी-पीजी कोर्स के फाइनल छात्रों की परीक्षाएं 30 सितंबर से पहले कराए जाने का निर्णय हुआ है। यूजी छात्रों का फाइनल रिजल्ट 15 अक्टूबर तक और पीजी छात्रों को रिजल्ट 31 अक्टूबर तक जारी कर दिया जाएगा। फाइनल ईयर या फाइनल सेमेस्टर के छात्रों को छोड़कर बाकी छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया गया है।
AICTE का नियम होगा लागू
वहीं इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कोर्स पर ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्निकल एजूकेशन (AICTE) के नियम लागू होंगे। इसके नियम तकनीकी शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा तय किए जाएंगे।
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प्रमोट किये जाने वाले छात्रों के मूल्यांकन का फाॅर्मूला तैयार कर लिया गया है। प्रदेश सरकार ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को फाइनल एग्जाम के लिए 23 जुलाई तक अपनी ऑनलाइन या ऑफलाइन एग्जाम प्रक्रिया निर्धारित करते हुए डेटशीट जारी करने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा जो परीक्षाएं हो चुकी हैं वो मान्य रहेंगी बाकी परीक्षाओं पर विश्वविद्यालय सरकार द्वारा निर्धारित प्रमोशन और परीक्षाओं के नियम लागू होंगे।
उन्होंने बताया कि ये फैसले उच्च शिक्षा विभाग यानि, कला, वाणिज्य, विज्ञान, लाॅ और एग्रीकल्चर कोर्स के लिए लिए गए हैं।उन्होंने कहा कि अगला सत्र देरी से न शुरू हो इस लिए ये फैसला लिया गया है।
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इस तरीके से होगा आंतरिक मूल्यांकन
– फाइनल ईयर या फाइनल सेमेस्टर का एग्जाम ऑनलाइन या ऑफलाइन या दोनो तरह से होंगे।
– सेमेस्टर रिजल्ट 50 फीसदी आंतरिक मूल्यांकन और 50 फीसदी पिछले सेमेस्टर के आधार पर तैयार होगा।
– दूसरे साल के छात्रों को पहले साल के औसत अंक और चौथे सेमेस्टर के छात्रों को तीसरे सेमेस्टर के अंकों के आधार पर पांचवें सेमेस्टर में प्रमोट किया जाएगा।
– सभी यूनिवर्सिटी अपने फैसले यूजीसी या प्रदेश की एग्जाम कमेटी द्वारा निर्धारित मानकोंं पर करेंगे।
-कई विकल्पों में से कोई एक विकल्प यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर तय करेंगी।
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